उत्तर प्रदेश इस समय रण का मैदान बना हुआ है. और रण भी ऐसा जिसने पूरे देश की राजनिति का पारा चढ़ा रखा है. जी हां अगर हम आसान शब्दों में कहें तो यूपी में 18वीं विधानसभा के गठन की उलटी गिनती शुरू हो गई है और इस उलटी गीनती ने प्रदेश के हर नेता की दिल की धड़कन भी बढ़ा रखी है. समाजवादी पार्टी हो या भारतीय जनता पार्टी हर कोई अपना राजनितिक किला फतह करने की भरपूर कोशिश कर रहा है. इसके अलवा अन्य छोटे-बड़े राजनीतिक दलों की सक्रियता भी काफी ज्यादा बढ़ गई है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा और जनता से कई वादे भी किए. इस दौरान पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा ने अपने कई समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के घोषणा पत्र की वरीयता जारी करते हुए बताया कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा.
साथ ही अखिलेश ने कहा कि पेंशन व्यवस्था को हम अपने समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करेंगे. अखिलेश यादव ने आगे कहा कि हम इसके साथ ही यश भारती सम्मान को भी शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि नेताजी ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ठ काम करने वालों को सम्मानित करने के लिए यश भारती सम्मान शुरू किया था.
हम इसको फिर से शुरू करने के साथ ही बुजुर्गों को पेंशन देंगे. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार तो प्रदेश के कर्मचारियों की बात नहीं सुनी है. सरकार ने शिक्षकों की फरियाद नहीं सुनी है. हम इनको न्याय देंगे. सभी कर्मचारियों का कैशलेस इलाज होगा.