Periods Cramp: पीरियड यानी के महावरी जिसका दर्द महिलाओं को सहन करना बेहद मुश्किल होता है। इन दिनों महिलाओं को इस वजह से चिड़चिड़ापन, कमर में असहनीय दर्द, पेट में ऐठन का भी सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से महिलाएं खुद को कमजोर महसूस करने लगती हैं। लेकिन एक शोध के मुताबिक खाने में बदलाव से भी पीरियड्स का दर्द कम किया जा सकता है। नॉर्थ अमेरिका की एक मोनोपॉज सोसाइटी के मुताबिक महिलाओं को कैंडी, चॉकलेट खाने से बचना चाहिए। बल्कि ऐसे में उन्हें अंडे सेल्मोन और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जो कि उनके शरीर के लिए सबसे अच्छा आहार है।
क्यों होता है पीरियड में दर्द
ऐसा इसलिए है क्योंकि यह सारे आहार हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरे हुए हैं, जो पेट में सूजन को कम करते हैं। पीरियड शुरू होने से पहले यूटरस की परत बनाने वाले सेल्स टूटने लगते हैं और बड़ी मात्रा में प्रोस्टाग्लैंडइन छोड़ते हैं। यह केमिकल यूट्रस में ब्लड वेसल्स को जकड़ने लगती है और मांस पेशियों की परत भी सिकुड़ने लगती है, जिससे पेट में खतरनाक ऐठन होती है।
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के मुताबिक महिला को काफ़ी से दूर रहना चाहिए। दरअसल कैफीन से रक्त वाहिकाएं से सिकुड़ने लगती है। जिसे पीरियड्स में और दर्द होने लगता है।
आधे से ज्यादा महिलाओं के पीरियड्स के दौरान दर्द का अनुभव होता है। इसमें ज्यादा स्कूल की लड़कियां, टीनएज होती हैं। यही कारण है कि वह इस स्थिति में स्कूल भी नहीं जा पाती है। कई महिलाएं दर्द को कम करने के लिए हॉट बैक का सहारा लेती हैं तो कई दवाइयों का भी सहारा लेती हैं। जो कुछ देर के लिए ही दर्द को कंट्रोल करता है।
पीरियड्स के दर्द को डिस्मोनोरिया कहा जाता है
पीरियड्स की डाइट स्टडी में पाया गया है कि दर्द को डिस्मोनोरिया कहा जाता है। स्टडी में जानने की कोशिश की गई कि पीरियड्स में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए उन्होंने स्टडी में पाया कि शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे ऑइली फिश और अंडे अच्छे होते हैं। लेकिन प्रोसैस्ड फूड खाने में, तेल और चीनी में ओमेगा-3 बहुत ही कम पाया जाता है।
एक लिटरेचर रिव्यू में पाया गया कि ओमेगा 6 फैटी एसिड चीनी, नमक और मांस जैसे खाने सूजन को बढ़ावा देते हैं,जबकि ओमेगा 3 फैटी एसिड वाला खाना इसे कम करता है।एनिमल प्रोडक्ट्स जैसे मीट कैफीन और ओमेगासेक से युक्त खाद्य पदार्थ इन केमिकल रिएक्शन को बढ़ा सकते हैं, जबकि ओमेगा-3 प्रोस्टाग्लैंडइन के प्रभाव को कम करते हैं।
बहुत-सी महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ महावरी में दर्द कम होने लगता हैं, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद पीरियड्स का दर्द कम होने लगता है। स्टडी के मुताबिक नींद और आराम करने से इस में आराम मिलता है। एरोबिक व्यायाम जैसे चलना और तैरना शरीर में दर्द को रोकने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।