AAP leader Manish Sisodia demands to stop election Process: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपना प्रत्याशी कंचन जरीवाला को सूरत से चुनावी मैदान में उतारा था ।लेकिन कंचन जरीवाला का अपहरण हो गया। जिसके बाद कंचन जरीवाला ने अपना नमांकन वापस ले लिया। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय चुनाव आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।केंद्रीय चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, आप कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए 12:00 बजे के बाद का समय मांगा था। उसी मांग के साथ ही उन्होंने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
आप की मांग चुनाव प्रक्रिया पर लगे रोक
दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर ली है। उन्होंने अपने प्रत्याशी के अपहरण के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है । उन्होंने सीधे-सीधे भाजपा पर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग के अधिकारियों से मांग किया है कि, तत्काल सूरत ईस्ट में होने वाले चुनाव पर रोक लगा दिया जाए।
सिसोदिया ने कहा कि, भाजपा ने हमारे उम्मीदवार को पहले किडनैप करवाया। उसके बाद बंदूक के बल पर उनसे नामांकन वापस करवाया ।इसलिए चुनाव आयोग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ।और तत्काल उस सीट पर चुनाव प्रक्रिया को रोक देना चाहिए। इसके अलावा सिसोदिया ने कहा कि ,मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और जल्द ही चुनाव पर रोक लगाएगी।
डेमोक्रेसी की लूट
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी कंचन जरीवाला के अपहरण के लिए पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है। सिसोदिया ने कंचन जरीवाला के अपहरण को लोकतंत्र की लूट करार दिया। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, आप कैंडिडेट का अपहरण हो गया है ।गन पॉइंट पर उनका नामांकन वापस कराया गया है। चुनाव आयोग के लिए इससे बड़ी समर्थन से क्या हो सकती है? इसलिए तुरंत एक्शन की प्रार्थना लेकर हम लोग केंद्रीय चुनाव आयोग के दरवाजे पर आए हैं।
दवाब में नहीं गुटबाज़ी की वजह से लिया नमांकन वापस
गुजरात के सुरत पूर्व से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कंचन जरीवाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं दके आरोपों को भी खारिज़ कर दिया। जिसमें जरीवाला को किडनैप करने और उनके परिवार को धमकी मिलने जैसे आरोप थें।
एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कंचन जरीवाला ने बताया कि वह किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस नहीं ले रहे हैं बल्कि पार्टी के गुटबाजी की वजह से उन्हें अपना नामांकन वापस लेना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा की पार्टी के नेताओं के द्वारा प्रचार में सपोर्ट नहीं किया जा रहा था इस वजह से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।
चुनाव आयोग ने दिया जांच का आदेश
इन सबके बीच चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन अब जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि इस घटनाक्रम में कितनी सच्चाई है ?क्या सच में उन्होंने किसी के दबाव में नामांकन वापस लिया l या पार्टी के नेताओं की गुटबाज़ी की वजह से नमांकन वापस लिया।अब जांच की रिर्पोट आने के बाद ही सच से पर्दा उठेगा।