Turkey Eartquake : पहले से ही आतंक और युद्ध से जूझ रहे मिडिल ईस्ट को सोमवार को एक के बाद एक आए 145 भूकंप के झटकों ने तबाह कर दिया। तुर्की और सीरिया में सोमवार 6 फरवरी को 7.1 मैग्नेट तीव्रता के भूकंप ने देश के कई शहरों में हुए सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।
तुर्कीवासियों की पूरी रात मदद की आस में जागते हुए गुजरी। किसी न किसी व्यक्ति ने अपने किसी जानने वाले को इस आपदा में खोया है। कई परिवार अभी भी अपने परिजनों को मलबे में जीवित होने की आस में ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
उनके आंसू अपनों को मलबे से नहीं निकाल पाने की बेबसी बयां कर रहे हैं। दुनिया के कई देशों में राहत भेजने की घोषणाओं के बावजूद मदद उनसे अभी कई घंटों की दूरी पर है। आपदा की तस्वीरें बताती हैं कि भूकंप न सिर्फ उनके घरों को ही नहीं, उनके परिवारों और सपनों को भी तोड़ दिया है।
7 दिनों की राष्ट्रीय शोक की घोषणा
तुर्कीय- सीरिया में आए भूकंप से अभी तक 5000 से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं। आपदा के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने देश में 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी है।
तुर्किए कि उपराष्ट्रपति ने कहा है कि आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी। एक आंकड़े के मुताबिक हादसे में कुल 56 से इमारतें जमींदोज होने का अनुमान है।
समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि सीरिया में अभी तक कुल 2365 लोगों की मौत हुई है। दोनों देशों में संयुक्त रूप से कुल 14000 लोगों की मौत होने का अनुमान है।
भारत सहित कई देशों ने बढ़ाया मदद का हाथ
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर पीएमओ में बैठक के बाद पीएम मोदी के निर्देश पर एनडीआरएफ की 2 टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए तुर्की रवाना हो चुकी है भारत के अलावा अमेरिका इजराइल स्पेन और पाकिस्तान में भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है