House wife Got Compensation of Domestic Work: हमने अपने आसपास के बहुत से घरों में देखा होगा कि घर में कमाने की जिम्मेदारी पुरुष उठाते हैं और महिलाएं घर संभालती है। कई बार तो यह फैसला खुद महिलाओं का ही होता है तो कई बार उन्हें अपने परिवार और अपने बच्चों के लिए मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ता है। ऐसे में अगर उनका पति उन्हें काम निकल जाने के बाद छोड़कर जाने लगे तो स्थितियां बहुत अलग हो जाती हैं।
आज हम इस आर्टिकल में एक ऐसी महिला की कहानी सुनाने जा रहे हैं। जिसने अपने पति के मदद के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी। उसके बाद 25 सालों तक हाउसवाइफ के रूप में अपने परिवार और पति की मदद करती रही। लेकिन उसके पति ने उनसे तलाक लेने का फैसला कर लिया।
परिवार के लिए छोड़ दी नौकरी
यह कहानी स्पेन के मलंगा में रहने वाले एक बिजनेसमैन की है। उसने जून 1995 में शादी की उस वक्त उसकी और पत्नी की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी। लेकिन जब कपल की दो बेटियां हो गई तो अपने पति के सहयोग में उसने नौकरी छोड़ दी।तब से 25 साल तक वह घर में रहकर घर और बच्चियों की देखभाल करती रही और कभी भी कोई नौकरानी नहीं लगाई। इस दौरान पति की सुविधा अनुसार परिवार अलग-अलग जगह पर शिफ्ट भी होता रहा। बावजूद इसके जब उनकी बेटी 16 साल की हुई, तो पति ने उनकी फीस तक देने से मना कर दिया। ऐसे में यह मामला तलाक के लिए कोर्ट में पहुंचा।
25 हाउस वाइफ रहने के एवज में मिला मुआवजा
यह मामला साल 2020 का है कपिल ने सिपरेशन ऑफ प्रॉपर्टी पर साइन किया तो ज्यादातर कीमती चीजें पति के हिस्से में चली गई जबकि पति पत्नी के हिस्से में उस घर का आधा हिस्सा है जिस पर उन दोनों का मालिकाना हक था ना तो उसे जमीन मिली ना ही कार्य कोई और घर ऐसे महिला ने वकील के जरिए 25 साल तक घर में रहकर कामकाज करने का मुआवजा मांगा
2 साल तक मुकदमा चलने के बाद आखिरकार जज ने महिला के हक में फैसला सुनाते हुए पति को उसे 1 करोड़ 76 लाख 86 हज़ार रुपए से भी ज्यादा देने के लिए कहा। इतना ही नहीं बेटियों के लिए हर महीने ₹86759 महिला के लिए ₹45378 देने का भी फैसला सुनाया।