School Education: आने वाले दिनों में स्कूली शिक्षा प्रणाली में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकता हैं। सिलेबस से लेकर एग्जाम के पैटर्न तक में सरकार बदलाव करने की पूरे मूड में है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अगुवाई में 12 सदस्यीय संचालन समिति द्वारा तैयार की जा रहे, सिफारिशों लागू करने के बाद स्कूली शिक्षा पूरी तरह बदल जाएगी। कक्षा नौवीं और दसवीं की संरचना में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेगा। जिसके तहत छात्रों को 8 पेपर पास करने का नियम बनाया जा सकता है। वर्तमान में सीबीएसई सहित देशभर के अधिकांश बोर्डों के छात्रों को कक्षा दसवीं में कम से कम 5 विषयों को पास करना पड़ता है।
साल में दो बारे होंगे 12वीं बोर्ड एग्जाम
वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा 12वीं में वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से छात्रों में पाठ्यक्रमों में शामिल होने में सक्षम होंगे जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है। हालांकि इस पर अभी फाइनल मुहर नहीं लगी है। लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है।क्योंकि नई शिक्षा नीति 2020 में भी इसका सुझाव दिया गया है।
NEP 2020 के सुझाव पर होंगे बदलाव
नए एनसीएफ के आधार पर एनसीईआरटी द्वारा जारी की जाने वाली और सीबीएससी के संबद्ध स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों में भी बदलाव किए जाएंगे। यह एनईपी 2020 ढांचे के आधार पर विषयों की पसंद, शिक्षण के पैटर्न और मूल्यांकन सहित कक्षा के विभिन्न अन्य पहलुओं का भी पुनर्गठन करेगा।
साइंस और आर्ट्स दोनों सब्जेक्ट एक साथ पढ़ सकेंगे बच्चे
वर्तमान में कक्षा 12 में सीबीएसई के छात्र कम से कम 5 विषयों और अधिकतम 6 विषयों में बोर्ड परीक्षा देते हैं और उनके लिए बहू विषयक शिक्षा को आगे बढ़ाने की बहुत कम गुंजाइश है। दूसरे शब्दों में 1 छात्र जिसने भौतिकी, गणित और रसायन विज्ञान के संयोजन को चुना है। वह एक साथ इतिहास या राजनीति विज्ञान का अध्ययन नहीं कर सकता है। लेकिन नई प्रणाली के तहत छात्र कोई भी स्ट्रीम चुन सकेगा।