Parliament Monsoon Session: 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें आगामी संसद सत्र को सुचारू रूप से चलाने को लेकर चर्चा की जाएगी। वहीं सरकार इस बैठक के दौरान कई विधेयकों को लेकर विपक्षी दलों से समर्थन की अपील कर सकती है। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार संसद के मॉनसून सत्र की पूर्व संध्या पर दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुधवार को 3:00 बजे संसदीय ग्रंथालय भवन में बुलाई गई है। बता दे कि, इस बार मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी।
सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा काफी पुरानी रही है
संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा काफी पुरानी रही है जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं ऐसी कई बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया है। उधर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकर द्वारा मंगलवार 18 जुलाई को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को टाल दिया गया दिल्ली में उपलब्ध है।
कई मुद्दों को लेकर हो सकता है हंगामा
इस बार का मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार है एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने का प्रयास करेगा। वहीं दूसरी ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेलवे सुरक्षा, महंगाई और अडानी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। सरकार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 को पेश किया जाएगा।आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सत्र में महत्वपूर्ण विधायक पेश किए जाने हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए। क्योंकि सरकार नियमों प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हटेगी। वहीं हाल में कांग्रेस पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की बैठक में सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण जीएसटी को पीएमएल के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग पर जोर देने की बात कही गई थी।