Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

NO Confidence Motion: जानिए क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, क्यों और कब लाया जाता है इसे, कितने प्रधानमंत्रियों के खिलाफ लाया गया है ये प्रस्ताव?

NO Confidence Motion: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। आज सदन में पीएम मोदी विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब देंगे। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने भी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की। उन्होंने मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। बता दें कि, इस बार अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई मणिपुर में हो रहे हिंसा को लेकर आए हैं। आज हम इस रिपोर्ट में जानेंगे कि क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, क्यों और कब लाया जाता है? अब तक कितने प्रधानमंत्रियों के खिलाफ लाया गया है ये प्रस्ताव? अब तक कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकारें गिर चुकी है?

कब लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव?

किसी मुद्दे पर विपक्ष की नाराजगी होती है तो लोकसभा सांसद नोटिस लेकर आता है जैसे इस बार मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नाराज है और वह लगातार सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। सरकार को घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इसे स्वीकार भी कर लिया है और बहस भी शुरू हो चुकी है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है गौरव गोगोई के नोटिस पर 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। जब इस प्रस्ताव पर चर्चा पूरी हो जाती है उसके बाद वोटिंग कराया जाता है।

क्यों लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव?

संविधान के अनुच्छेद 75 के मुताबिक सरकार यानी प्रधानमंत्री और उनके मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति जवाब देह होता है। लोकसभा में जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं इसलिए सरकार को इसका विश्वास प्राप्त होना जरूरी है। ऐसे में अगर किसी भी पक्षी पार्टी को लगता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है या सरकार सदन में विश्वास हो चुकी है तो अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। इसी के आधार पर लोकसभा के रूल 198(1) से 198(5) के तहत कहा गया है कि विपक्षी दल सरकार के खिलाफ और विश्वास का नोटिस लोकसभा स्पीकर को सौंप सकता है।

पहली बार कब आया था अविश्वास प्रस्ताव?

लोकसभा में पहली बार सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 1963 में लाया गया था। इसे समाजवादी नेता आचार्य कृपलानी तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकार के खिलाफ लेकर आए थे। यह अविश्वास प्रस्ताव 347 वोटों से गिर गया साथ ही नेहरू सरकार की सत्ता पर बरकरार रही। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ रखी गई इस प्रस्ताव के पक्ष में केवल 62 वोट पड़े।

सबसे ज्यादा किसके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?

लोकसभा में सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ लाए गए हैं। उनकी सरकार के खिलाफ कुल 15 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए। वहीं लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव की सरकार के खिलाफ तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए।अटल बिहारी वाजपेई सरकार के खिलाफ 2 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इसके अलावा राजीव गांधी, वीपी सिंह, चौधरी चरण सिंह, मनमोहन सिंह की सरकार ने एक-एक बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर चुकी है। वहीं पीएम मोदी को दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है।

अविश्वास प्रस्ताव कितनी बार गिर चुकी है सरकार

भले ही लोकसभा की इतिहास में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो, लेकिन केवल तीन बार ही सरकारी गिरी है। पहली बार 1990 में वीपी सिंह की सरकार, जबकि दूसरी बार 1997 में एच डी देवगौड़ा की सरकार और 1999 में अटल बिहारी वाजपेई के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया।7 नवंबर 1990 में बीजेपी के समर्थन लेने के बाद वीपी सिंह के खिलाफ और अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसमें सरकार के पक्ष में 152 वहीं उनके खिलाफ 356 वोट पड़े। दूसरी बार 11 अप्रैल 1997 में देवेगौड़ा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में सरकार के पक्ष में 190 और खिलाफ में 338 वोट पड़े और सरकार गिर गई। वहीं तीसरी और आखरी बार 17 अप्रैल 1999 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार के खिलाफ और अविश्वास प्रस्ताव लाया। जिसमें उनकी सरकार सिर्फ एक वोट से गिर गई थी। सरकार के पक्ष में 269 वोट पड़े थे जबकि खिलाफ 270 वोट।

मोदी सरकार के खिलाफ दुसरी बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

बता दें कि, यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। सबसे पहले साल 2018 में तेलुगू देशम पार्टी(TDP) अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। जिसके खिलाफ 330 वोट पड़े थे, वहीं यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। आंकड़ों के हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी को इस बार भी कोई खतरा नहीं नजर आ रहा है। एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा उड़ीसा के मुख्यमंत्री की पार्टी बीजू जनता दल(BJD) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस(YSRC) ने भी अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने का ऐलान कर चुका है।

Sumit Jha
Sumit Jha
Sumit Jha is full time content writer in DK News India, He give his thoughts on politics, viral news, business news and many more topics

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles