PM Modi In Loksabha: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ध्यवाद प्रस्ताव पर PM मोदी ने आज संसद में लगभगल दो घंटे भाषण दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। पीएम मोदी ने इस दौरान नेहरु से लेकर इंदिरा गांधी के कई फैसलों और भाषणों को कोट करते हुए आलोचना की। वहीं पीएम मोदी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा किया। पीएम मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव में बीजेपी 370 सीट से ज्यादा पर जीत दर्ज करेगी साथ ही NDA को 400 पार सीटें मिलेगी।वहीं अब पीएम मोदी लोकसभा में दिए भाषण पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल उठाया है।
वे थक गए हैं क्या?- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “प्रधानमंत्री जी एक ही भाषण बार-बार दे रहे हैं। पता नहीं उन्हें क्या हो गया हैं? वे थक गए हैं क्या? हम तो मोदी जी के भाषण देने के गुण का बहुत सम्मान करते हैं। नेहरू जी का देहांत हुए 60 साल हो गए हैं कब तक वे उनको लेकर भाषण देंगे…यह उनका लोकसभा में आखिरी भाषण था कुछ तो नया बोलना चाहिए था।”
‘प्रधानमंत्री व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का पाठ पढ़ाते गए’
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा,’उन्होंने(PM मोदी) कांग्रेस पर आरोप लगाया… यह नहीं कहा कि कांग्रेस के कारण लोगों को वोट का अधिकार मिला, IIT बने, IIM बने आदि… अपने अहंकार के कारण उन्हें 2014 के पहले का भारत नजर ही नहीं आता, प्रधानमंत्री व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का पाठ पढ़ाते गए।’
“यह एक राजनीतिक भाषण है”
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी के जवाब पर कांग्रेस सांसद DK सुरेश ने कहा कि, “यह एक राजनीतिक भाषण है। वह हमेशा कांग्रेस, यूपीए सरकार और नेहरू पर हमला करते रहते हैं। उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया कि आम लोगों को क्या सामना करना पड़ रहा है।”
‘पीएम कोसपना देखने का अधिकार है’
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी के जवाब पर सीपीआई-एम सांसद जॉन ब्रिटास का कहना है, “इस देश में हर किसी को सपने देखने का अधिकार है। पीएम को 400 सीटें पाने का सपना देखने का अधिकार है…”
‘पीएम का संबोधन अहंकार से भरा था’
लोकसभा सांसद दानिश अली ने कहा कि, ‘पीएम का संबोधन अहंकार से भरा था, जो उस पद पर शोभा नहीं देता जिस पर वह बैठे हैं। आप प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मजाक कैसे उड़ा सकते हैं? आपके पास कोई इतिहास नहीं है. पंडित जवाहरलाल नेहरू 9 साल तक ब्रिटिश जेलों में रहे, जबकि आपके पूर्वज अंग्रेजों से माफ़ी मांगते रहे, और फिर उन्हें ‘वीर’ की संज्ञा दी गई। आप वंशवादी राजनीति की बात करते हैं, लेकिन आपकी पार्टी में ऐसा देखने को नहीं मिलता।उन्होंने कभी मणिपुर के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा , उनके पूरे भाषण में अल्पसंख्यक, या महिलाएँ।’