Chikungunya: डेंगू के बाद अब बिहार में चिकनगुनिया का भी खतरा बढ़ने लगा है…अररिया में चिकनगुनिया से बीते एक हफ्ते में 5 बच्चों की मौत हो गई है…5वीं बच्ची ने सोमवार रात पूर्णिया के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया…इससे पहले 4 और बच्चों की चिकनगुनिया से मौत की जानकारी सामने आई थी…बच्ची 9 सितंबर को तेज बुखार के बाद अररिया सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था…जहां से स्थिति बिगड़ने पर पूर्णिया रेफर कर दिया गया था…इसके अलावा जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनमें रौनक कुमार, अंकुश कुमार, गौरी कुमारी और आंचल कुमारी शामिल हैं…ये सभी बच्चे रानीगंज इलाके के चिरवाहा रेहिका के रहने वाले थे
‘सभी बच्चों की जान चिकनगुनिया से गई’
परिजन का आरोप है कि जांच के दौरान इन बच्चों का जबरदस्ती ब्लड लिया गया, इसलिए जान गई…हालांकि, अररिया सदर अस्पताल के सिविल सर्जन केके कश्यप का कहना है कि इन सभी बच्चों की जान चिकनगुनिया से गई है…सीएस के मुताबिक, किसी अज्ञात बीमारी को लेकर इन बच्चों का ब्लड सैंपल बाहर भेजा गया था…रिपोर्ट में इन बच्चों को चिकनगुनिया होने की जानकारी सामने आई है…ऐसे में आपके लिए ये जानना भी ज़रूरी है कि जानलेवा बनता जा रहा चिकनगुनिया आखिर क्या है…
बिहार में जानलेवा बन रहा चिकनगुनिया
भारत में चिकनगुनिया का पहला मामला 1963 में आया…
हालांकि ये पहली बार चिंता का विषय साल 2006 में बना….
साल 2006 में भारत के अंदर इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे
चिकनगुनिया के लिए एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर जिम्मेदार हैं, जिन्हें एशियन टाइगर मच्छर भी कहा जाता है…
डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज इजिप्टी मच्छर भी इसे फैला सकते हैं…
इन मच्छरों ने पिछले 30 सालों में ही अपना भौगोलिक विस्तार किया है…
इसका संक्रमण अब तक 110 से अधिक देशों में फैल चुका है…
चिकनगुनिया खतरनाक, जरूरी है इलाज
चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण आपस में काफी मिलते-जुलते हैं….
चिकनगुनिया का बुखार 7 से 14 दिन रहता है, और मरीज को ठीक होने में 3 से 4 हफ्ते लगते हैं…
10 दिन बाद 102 बुखार और जोड़ों में दर्ज के साथ लाल चकत्ते नज़र आते हैं…
चिकनगुनिया के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो इसको और ख़रनाक बना देती है…
एडीज मच्छर के काटने के बाद 10 दिन तक लक्षण नहीं नज़र आते हैं जो इसको और ख़तनाक बनाते हैं…