अबू आजमी, जो समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता हैं, ने हाल ही में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को एक नसीहत दी है। उनकी इस नसीहत का मुख्य उद्देश्य एमवीए को उनकी रणनीतियों और संगठनात्मक ढांचे में सुधार करने के लिए प्रेरित करना है। अबू आजमी ने सुझाव दिया कि महाविकास अघाड़ी को अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट रहना चाहिए, ताकि वे महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मजबूत राजनीतिक लड़ाई लड़ सकें।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव का आयोजन किया जाएगा। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा और 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी। आजमी का मानना है कि एमवीए की एकजुटता ही उनकी सफलता की कुंजी हो सकती है, और अगर वे आंतरिक रूप से विभाजित रहते हैं, तो इसका लाभ सीधे तौर पर बीजेपी को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महाविकास अघाड़ी को क्षेत्रीय और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि जनता का समर्थन प्राप्त हो सके। साथ ही, उन्होंने चेताया कि अगर एमवीए के प्रमुख दल (शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी) एकजुट नहीं रहते, तो भविष्य में उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है। अबू आजमी ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी ने 12 सीटों की मांग एमवीए से की है। पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी ने तैयारी पूरी कर ली है।
अबू आजमी ने इस बात पर जोर दिया कि समाजवादी पार्टी भी इस गठबंधन का हिस्सा है और वह भी बीजेपी को हराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने महाविकास अघाड़ी को नसीहत दी कि वे अपने भीतर संवाद और समन्वय को बढ़ावा दें और व्यक्तिगत एजेंडों से ऊपर उठकर एकजुटता बनाए रखें।
यह नसीहत ऐसे समय पर आई है जब महाराष्ट्र की राजनीति में नए गठबंधन और बिखराव की संभावनाएं बन रही हैं, और एमवीए को अपने अस्तित्व और प्रभाव को बनाए रखने के लिए संगठित और सशक्त होने की आवश्यकता है।