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Adity- L1 Launch: ISRO ने भारत के पहले सोलर मिशन को सफलता पूर्वक किया गया लॉन्च, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक उपलब्धि

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ISRO Solar Mission Adity- L1 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  ने चंद्रयान के सफल लैंडिंग के बाद आज सुबह 11 बजकर 50 मीनट पर भारत के पहले सोलर मिशन(SOLAR MISSION) के सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है।PSLV_C57 रॉकेट से आदित्य-L1 को लॉन्च किया गया। पीएसएलवी ने आदित्य-एल-1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। जहां से आदित्य-एल -1 अंतरिक्ष यान अपने लिक्विड एपोजी मोटर्स (LAW) के शक्तिशाली इंजनों का उपयोग करके कई बार अपनी कक्षा को बढाएगा। जो इसे आदित्य-L1 को अपने गंतव्य तक लगभग 15 लाख किमी दूर लौग्रेंज प्वाइंट-1(L1) तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का 1/100 वां हिस्सा है।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है. इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई ।संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।

राष्ट्रपति ने बताया ऐतिहासिक उपलब्धि

भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जो भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नए पथ पर ले जाती है। इससे हमें अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। मैं इसरों के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को इस असाधारण उपलब्धि के लिए बधाई देती हूं।मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएँ।

सौर मंडल का अवलोकन किया जाएगा

अध्ययनसूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैंग्वेज पॉइंट 1(L 1)के आसपास अंतरिक्ष यान को Halo ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। जो कि पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यहां से सूर्य को बिना किसी व्यवधान या ग्रहण के लगातार देखने का लाभ मिलेगा। इससे सौर गतिविधियों का अवलोकन करने और वास्तविक समय में अंतरिक्ष मौसम पर उनका प्रभाव को लेकर अध्ययन किया जा सकेगा। अंतरिक्ष यान प्रकाशमंडल क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परतों का निरीक्षण करने के लिए साथ पेलोड लेकर जाएगा।

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