Ajab Gajab: रस्मो रिवाज से हम सब वाकिफ हैं। हम सबके घर में कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ ऐसी अजीबोगरीब परंपराएं बरसों से चली आ रही है। कई परंपराएं बड़ी खराब और खतरनाक होती है।आज हम आपको ऐसी ही कुछ परंपराओं के बारे में बताने वाले हैं, लेकिन यह परंपरा जीते जी नहीं बल्कि मनुष्य के मरने के बाद निभाई जाती है। यानी हम आपको अंतिम संस्कार से जुड़ी मान्यताओं और परंपराओं के बारे में बताएंगे। हम आपको मानव इतिहास की 3 सबसे खौफनाक अंतिम संस्कार की परंपराओं के बारे में बताने वाले हैं। इनमें से कुछ तो इतनी डरावनी है कि इन पर विश्वास करना भी मुश्किल है।
पापुआ न्यू गिनी
रिपोर्ट के मुताबिक पापुआ न्यू गिनी में ऐसा रिवाज था कि यहां पर लोग मरने के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए एक त्यौहार का आयोजन करते थे। यहां पर आदिवासी गांव में किसी के मर जाने के बाद एक त्यौहार का आयोजन किया जाता था। जिसमें लोग लाश को पका कर खा जाते थे। यह इतिहास में अंतिम संस्कार का सबसे खौफनाक तरीका होता था।
तिब्बत
तिब्बत के बुद्धिस्ट लोग परिवार में किसी की मृत्यु के बाद उसकी लाश को जानवरों को खिला देते थे। बुद्धिस्ट लोग अपने लोगों को मौत के बाद लाश को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पहाड़ों की चोटियों पर ले जाकर जानवरों को खिला देते थे। वह लाश को विशेषकर पक्षियों और गिद्धों को खिलाते थे। इन लोगों का मानना था कि मनुष्य मरने के बाद भी जानवरों का पेट भर सकता है।
वाइकिंग्स
अंतिम संस्कार का रिवाज में वाइकिंग्स का तरीका सबसे भयानक है। इसके बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। स्कैंडिनेविया के मूल निवासी और खूंखार लड़ाकू जनजाति के इन लोगों ने 8 से 11वीं शती शताब्दी तक यूरोप पर राज किया था। वाइकिंग्स जनजाति में किसी मुखिया की मौत के बाद उसे 10 दिन के लिए दफनाया जाता था। इस दौरान उसके लिए नए कपड़े सिले जाते थे और मृत्यु के बाद की जिंदगी के लिए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए एक लड़की को चुना जाता था। दसवें दिन अंतिम संस्कार के समय इस लड़की को कबीले के सभी मर्दो के साथ शारीरिक संबंध बनाना होता था। इस दौरान संबंध बनाने वाला शख्स महिला से कहता था कि वह मालिक को बताएं कि वह उनसे प्यार करता था इसलिए उसने ऐसा किया। महिला को एक टेंट में ले जाया जाता था। जहां पर 6 लोग महिला के साथ संबंध बनाते थे और फिर महिला का गला रस्सी से गए थे। फिर उसे चाकू से मार दिया जाता था। इसके बाद उस महिला और मुखिया की लाश को नाव पर डालकर जला दिया जाता।