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Ajab Gajab: क्या आप जानते हैं नदी में लोग क्यों फेंकते है सिक्का, धार्मिक नहीं इसके पीछे छिपा है वैज्ञानिक कारण


Why Coin thrown in River: जब भी किसी पवित्र नदी के ऊपर से ट्रेन गुजरती है तो लोग उसमें सिक्के जरुर डालते हैं। कई बार लोग किसी खुशखबरी को सुनने की  लालसा में ऐसा करते हैं तो कई बार पवित्र नदियों की देवी से वरदान मांगने के लिए सिक्के फेंकते है। बहुत बार तो प्रेमी जोड़ा अपने प्रेम की उम्र को लंबी करने के लिए सिक्कों को पानी में डालते हैं।ऐसे में सवाल यह उठता है, कि क्या नदी में सिक्का फेंकने के पीछे सिर्फ लोगों की आस्था और अंधविश्वास ही वजह है या फिर इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी छुपा है आपको जानकर हैरानी होगी कि सिक्का फेंकने के पीछे साइंस है जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है।


इस वजह से लोग फेंकते हैं सिक्का
कोरा वेबसाइट पर लोग इस प्रश्न का जवाब अपने-अपने अंदाज में दिए हैं। एक यूजर ने लिखा है, ‘भारतीय जो नदियों में सिक्के फेंकते हैं इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। पुरातन समय में तांबे के सिक्के का चलन था। तांबे के सिक्के को पवित्र नदियों में फेंकना एक ऐसा तरीका था जिससे हमारे पूर्वज संक्रमण मुक्त पेयजल सुनिश्चित कर सकते थे। क्योंकि नदियां पीने के पानी का मुख्य स्रोत होती हैं, इसलिए पानी के नीचे तांबे के सिक्के रखना बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।’


‘पर्यावरण को साफ रखने के लिए…..’
एक अन्य यूजर ने लिखा है कि, ‘नदियों में सिक्के डालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कारण था पर्यावरण को साफ रखने और पानी को शुद्ध रखने की सोच। पहले सिक्के तांबे के डाले जाते थे और तांबा पानी को शुद्ध करता था इसलिए नदियों में लोग सिक्के डालते थे। नदी का पानी शुद्ध रहे और अपना सौभाग्य मजबूत हो।’


इस वजह से फेंका जाता है सिक्का
चलिए अब देखते हैं कि इसके बारे में अन्य सोर्स क्या कहते हैं। साइंस बिहाइंड इंडियन कल्चर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, पुराने वक्त में सिक्के तांबे के हुआ करते थे इंसानी शरीर के लिए कॉपर काफी काम का मेटल होता है। आज के वक्त में लोगों को सलाह दी जाती है कि वह कॉपर की बोतलों में पानी पिए।पुराने वक्त में इसी वजह से लोग कॉपर के बर्तनों में पानी पिया करते थे। हमारे पूर्वज नदी में कॉपर के सिक्के इस वजह से डालते थे। जिससे नदियों में कॉपर की मात्रा बढ़ जाए और जब उसे पानी को इंसान पिए तो उसे फायदा हो। धीरे-धीरे से मान्यता बना दी गई। जो अब अंधविश्वास का रूप ले चुकी है। लोगों को पूरी तरह इसके बारे में जानकारी नहीं है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? भारतीय संस्कृति कई मामलों में साइंटिफिक थी। इस बात से पता चलता है।

Sumit Jha
Sumit Jha
Sumit Jha is full time content writer in DK News India, He give his thoughts on politics, viral news, business news and many more topics

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