Bangladesh PM Seikh Hasina: बांग्लादेश में हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री शख हसीना की पार्टी अवानी लीग ने प्रचंड बहुमत हासिल की है। पार्टी ने 300 सीटों वाली संसद में दो तिहाई बहुमत हासिल की है।अवामी लीग को 204 सीटें मिली है।इसके साथ ही शेख हसीना पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने जा रही है। वहीं इस जीत के साथ ही अवामी लीग ने लगातार चौथी बार सरकार बना रही है।वहीं जीत के बाद शेख हसीना ने भारत की जम कर तारीफ की है।भारत तो बांग्लादेश का अभीन्न मित्र बताया है।
‘हम बहुत भाग्यशाली हैं…भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है’
जीत के बाद शेख हसीन ने लोगों को संबोधित करते हुए भारत की जम कर तारीफ की। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘हम बहुत भाग्यशाली हैं…भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है।’ हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान, उन्होंने हमारा समर्थन किया…1975 के बाद, जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया…उन्होंने हमें आश्रय दिया। इसलिए भारत के लोगों को हमारी शुभकामनाएं।’
जानिए कौन है शेख हसीना
शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं। वह साल 2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले भी वह 1996 से 2001 तक पीएम के पद को संभाल चुकी है।वहीं रविवार को आए परिणाम के बाद वो लगातार चौथी बार और टोटल पांचवी बार देश की प्रधान मंत्री बनने जा रही है।पिता के हत्या के बाद उपजे हालात के बाद शेख हसीना को राजनीति में आना पड़ा।
जब पिता की कर दी गई थी हत्या
पिता समेत परिवार के 20 लोंगो की हत्या
पाकिस्तान से अलग होकर साल 1971 में बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इससे पहले इसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था और यहां पर पाकिस्तान की हुकुमत चलती थी।वहीं बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग देश बनाने के लिए वार्षों तक आंदोलन करने वाले बंग बंधु के नाम से मशहुर शेख मुजीबुर्रहमान देश के प्रमुख नेता थे। वो देश के पहले राष्ट्रपति बने। हालाकिं, साल 1975 में बांग्लादेशी सेना ने शेख मुजीबुर्रहमान के पूरे परिवार की हत्या कर दी। लेकिन इस हत्याकांड में शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना बच गईं क्योंकि, वह इस वक्त जर्मनी में थीं।वहीं इस हत्याकांड में शेख हसीना के परिवार के 20 लोगों की हत्या की गई थी।इसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को भारत में संरक्षण दिया।
इंदिरा गांधी ने दिया संरक्षण
जब शेख हसीना के पिता की हत्या हुई उसके तुरंत बाद बांग्लादेश के राजदूत हुमांयू रशीद के पहल पर इंदिरा गांधी ने एयर इंडिया के स्पेशव विमान दोनों बहन को जर्मनी से भारत बुला लिया। इसके बाग शेख हसीना के पति डॉ वाजेद को परमाणु ऊर्जा विभाग में फेलोशिप दी। इसके अलावा भारत सरकार ने शेख हसीना को पंडारा रोड पर एक फ्लैट दिया था। वह दिल्ली में करीब 6 साल रहने के बाद बांग्लादेश लौटी और राजनीति में कदम रखा।