मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा (पहले फेसबुक) को यूरोप में एक बड़ा झटका लगा है। यूरोपीय कमीशन ने मेटा पर डेटा गोपनीयता के उल्लंघन के आरोप में 10.2 करोड़ डॉलर का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना यूरोपीय संघ के सख्त डेटा संरक्षण कानूनों (GDPR) के तहत लगाया गया है, जिसमें मेटा पर आरोप है कि वह अपने यूजर्स के डेटा की सही तरीके से सुरक्षा करने में नाकाम रही।
डेटा प्राइवेसी उल्लंघन का मामला
यूरोपीय कमीशन ने मेटा पर यह जुर्माना इसलिए लगाया है क्योंकि कंपनी पर यह आरोप है कि उसने यूजर्स की सहमति के बिना उनके डेटा को विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया। यह यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) का सीधा उल्लंघन है, जो किसी भी कंपनी को अपने यूजर्स का डेटा उनकी सहमति के बिना इस्तेमाल करने से रोकता है।
मेटा पर पहले भी लग चुके हैं जुर्माने
यह पहली बार नहीं है जब मेटा को डेटा सुरक्षा के मुद्दों पर जुर्माने का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी कंपनी पर विभिन्न देशों में गोपनीयता उल्लंघन के मामले में भारी जुर्माने लगाए जा चुके हैं। मेटा के लिए यह जुर्माना उसके वैश्विक परिचालन में डेटा सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं का संकेत है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
मेटा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगी और कंपनी का दावा है कि उसने यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा है। हालांकि, यूरोपीय कमीशन ने अपनी जांच में पाया कि मेटा ने डेटा संरक्षण के नियमों का पालन सही तरीके से नहीं किया।
इस बड़े जुर्माने से मेटा की साख और वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है। साथ ही, यह यूरोप और अन्य देशों में डेटा सुरक्षा को लेकर हो रहे सख्त कानूनों का संकेत भी देता है, जिनका पालन करने में कंपनियों को सावधानी बरतनी होगी।