Bihar Liquor Ban: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है…लेकिन सियासी पार्टी अभी से अपना अपना जाल बिछाने लगी हैं…शराब से बर्बाद हो रहे बिहार को कोई शराब बैन कर बचाने का दावा कर रहा है…तो कोई शराबबंदी से बर्बाद हो रही बिहार की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए शराबबंदी की बहाली का ऐलान कर रहा है…बिहार में शराबबंदी की बहाली को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी पार्टी अगर सरकार में आती है तो मिनटों में शराबबंदी खत्म कर देंगे…प्रशांत किशोर ने कहना कि शराबबंदी हटाने से अगर महिला का वोट नहीं भी मिलते, तो भी इसे हटाना जरूरी है. क्योंकि यह समाज के हित में नहीं है.
शराबबंदी से सामाजिक फायदा नहीं- PK
प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी से सामाजिक फायदा नहीं है, बल्कि इससे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है और युवा शराब माफिया के हाथों का खिलौना बनते जा रहे हैं. पीके के मुताबिक शराबबंदी से गरीब और वंचित समाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और इस निर्णय को वापस लेना आवश्यक है ताकि लोगों की संपत्ति की लूट और युवाओं का नुकसान रोका जा सके.उनका कहना है कि कि शराबबंदी से बिहार की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है…शराबबंदी से बिहार को हर साल करीब 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.
शराब मामले में 1.25 लाख लोग जेल जा चुके हैं
बिहार में शराब बैन है…मतलब बिहार के मयखानों में ताले पड़े हैं…हालांकि ये अलग बात कि बिहार में शराब के लाले नहीं हैं…किसी ना किसी जुगाड़ पानी से शराब का इंतेजाम हो ही जाता है…ये हम नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी कह रहे हैं. जब से शराबबंदी लागू हुई है तब से 8.5 लाख मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 1.25 लाख लोग जेल जा चुके हैं.
जबकि 6 लाख 36 हजार मामले कोर्ट में है. इनमें से अधिकतर गरीब और पिछड़े वर्ग से आते हैं. शराबबंदी के 8 साल से अधिक हो चुके हैं…8 साल में नीतीश सरकार ने शराबबंदी कानून में कई संशोधन किया है…पिछले साल शराबबंदी कानून में संशोधन किया गया था.