Bihar Niyojit Teacher: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नीतीश सरकार ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेल दी है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का ऐलान किया गया है। साथ ही अब बिहार के नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे।नीतीश ने नई शिक्षक नियमावली के साथ ही कुल 29 एजेंडों पर मुहर लगाई है। वहीं नीतीश कुमार के इस फैसले को लोग लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं। बता दें कि बिहार में लाखों की संख्या में नियोजित शिक्षक हैं। जो वर्षों से राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे।
चुनाव से ऐन वक्त पहले बड़ा फैसला
नीतीश सरकार की इस फैसले को राजनीतिक पंडितों ने पॉलिटिकल फैसला बताया है। उन लोगों का कहना है कि, नीतीश कुमार चुनाव से ऐन वक्त पहले यह मास्टर स्ट्रोक खेला है। नियोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से खुद को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। लेकिन नीतीश सरकार इसे ठंडे बस्ते में डाले हुए थे। लेकिन अगले साल देश में लोकसभा का चुनाव होना है। जिस वजह से बिहार में लगातार खाली पदों को भरा जा रहा है।
फैसल पर नियोजित शिक्षकों ने खड़ा किया सवाल
नीतीश सरकार इस फैसले के बाद नियोजित शिक्षक को विशिष्ट शिक्षक कहे जाने को लेकर ऐतराज है। नियोजित शिक्षकों का कहना है कि, उन्हें विशिष्ट शब्द से आपत्ति है। सरकार हम लोगों को परीक्षा पास करने को कह रही है, जो की उचित नहीं है। हम लोग इतने दिनों से कार्य कर रहे हैं हमारे काम और शैक्षणिक रिकार्ड के आधार पर हमें राज्य कर्मी का दर्जा दें। इसमें परीक्षा पास करने जैसे प्रावधान जोड़ दिया गया है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।