Sulabh International Founder Bindeshwar Pathak Died: सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक और जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार (15 अगस्त) को निधन हो गया। बिंदेश्वर पाठक ने दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था। डॉक्टर ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन से सांस देने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।बता दें कि, डॉ बिंदेश्वरी पाठक सुलभ इंटरनेशनल सोशल ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से पर्यावरण स्वच्छता, मानव अधिकार, अपशिष्ट प्रबंधन और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। उनके समाज सेवा को देखते हुऐ भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया था।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अचानक गिर गए
उनके सहयोगी के अनुसार 80 वर्ष बिदेश्वर पाठक ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया उसके तुरंत बाद हुआ अचानक गिर गए जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स लाया गया।अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि बिंदेश्वरी पाठक को दोपहर 1:42 पर अमृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि, मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट है।
बिहार के रहने वाले थे बिंदेश्वरी पाठक
डॉक्टर बिंदेश्वरी पाठक का जन्म बिहार को वैशाली जिले की रामपुर बघेल गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी मां योगमाया देवी थी और उनके पिता रमाकांत पाठक थे जो समुदाय के सम्मानित सदस्य थे। बता दें कि बिंदेश्वर पाठक बचपन से ही छुआछूत के खिलाफ़ थे। उन्होंने सर पर मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए ही 1970 में पटना में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी।
पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।पीएम मोदी ने आगे कहा, बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारे विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा।
सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालय व स्नानघर है
बता दे कि, बिंदेश्वर पाठक द्वारा स्थापित सुलभ इंटरनेशनल स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था में से एक है। देशभर के तमाम रेलवे स्टेशनों सहित शहरों के प्रमुख स्थलों पर सुलभ शौचालय आपको देखने को मिल जाएगी। यह इन्हीं के द्वारा स्थापित संस्था के द्वारा चलाया जाता है। देशभर में वर्तमान समय में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालय व स्नानघर है। सुलभ इंटरनेशनल शौचालय के प्रयोग के लिए ₹5 और स्नान के लिए ₹10 लिए जाते हैं। जबकि कई जगहों पर ने सामुदायिक प्रयोग के लिए भी रखा गया है।