उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.बीजेपी नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी को लेकर आजा मथुरा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एसके शर्मा ने अपनी टिकट कटने से नाराज हो गए है. यूपी में विधानसभा चुनाव के तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है. चुनाव के ऐलान के बाद राजनीतिक पार्टियां सभी सीटों पर अपने-अपने दमदार उम्मीदवार को उतार रही है. लेकिन इस सब के बीच जहां एक तरफ कई नेताओं के टिकट कटे जा रहे है. तो वही दूसरी तरफ कई नेता टिकट कटने के डर से पार्टी का साथ छोड़कर अन्य पार्टी का दामन थाम रहे है. लेकिन मथुरा से तो एक अलग ही मामला सामने आया है.जहां बीजेपी नेता एसके शर्मा का टिकट कटने पर उन्होंने बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी का दामन छोड़ दिया है.
ये रोते-बिलखते चेहरे जो आप देख रहे है ये किसी आम नागरिक की नहीं है.बल्कि ये है बीजेपी नेता एसके शर्मा की. जहां उन्होंने बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. एसके शर्मा का आरोप है कि पार्टी में राम नाम की लूट मची है, कोई विचारधारा नहीं रही, ईमानदारी तो कोसो दूर हो गई है. इसलिए मैने त्यागपत्र दे दिया है. मैं अपनी रणनीति की घोषणा 19 जनवरी को करूंगा. सर्वेश्वरी सदन में आयोजित प्रेसवार्ता में मांट विधानसभा से टिकट ना मिलने से नाराज एसके शर्मा ने कहा कि वो 1980 से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए है. बीजेपी को मजबूत बनाने के लिये अपना सब कुछ न्यौंछावर कर दिया. मांट विधानसभा से इस बार मुझे सवा लाख वोट मिलने का अनुमान था. बीते पांच साल में ऐसा कोई गांव, नगला, मौजा, कस्बा नहीं बचा जहां मैंने अपनी पकड़ न बनाई हो. एसके शर्मा ने रोते हुए पार्टी से त्यागपत्र देने का ऐलान करते हुए बताया कि बीजेपी के कारण मेरे करोड़ों रूपये खर्च हो गये. 2009 से 2022 तक के तमाम चुनावों में पार्टी ने मेरे साथ विश्वासघात किया है. मैने पार्टी के लिए पूरे देश में काम किया है. जब भी पार्टी ने संगठन मजबूती के लिए रूपये मांगे दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में चरित्र और नैतिकता समाप्त हो गया है. अब मैं अपने समर्थकों से विचार-विमर्श करके चुनाव लड़ने का निर्णय करूंगा.