Kejriwal vs LG: एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच सोशल मीडिया पर शीच युद्ध देखने को मिल रही है। दिल्ली के LG आज दिल्ली के संगम विहार का दौरा किया और वहां मौजूद समस्याओं को लेकर केजरीवाल सरकार पर तंज कसा। राज्यपाल ने उन इलाकों की खराब सड़कें और बहती नालियों, लटकते हुए तार के फोटों शेयर करते हुए इसे ठीक कराने की मांग की है।LG के इसी ट्विट पर केजरीवाल ने भी जवाब देते हुए उन्हें विपक्ष के नेता करार दे दिया है।
मेरे सामने ही रिक्शा पलटा और एक महिला घायल हुई- LG
LG ने X पर दिल्ली के संगम इलाके की कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा कि, स्थानीय निवासियों के अनुरोध पर कल संगम विहार गया था। 9 साल के शिगूफों के बावजूद इलाके में रह रहे 20 लाख से ज्यादा लोग मूलभूत जनसुविधाओं से वंचित, नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। न सड़कें हैं, न सीवर, न कूड़े की सफाई।बेतरतीब लटकती बिजली की तारें खतरनाक हैं और उबड़-खाबड़ सड़क पर मेरे सामने ही रिक्शा पलटा और एक महिला घायल हुई।
ऐसी ही स्थिति मैने किराड़ी और बुराड़ी में भी देखी- LG
उफनती नालियाँ, कचरे के ढेर और सीवर के बदबूदार पानी से भरी गलियां, भारत की राजधानी में होंगी, देश इसकी कल्पना नहीं कर सकता।सम्बंधित सभी विभाग- I&FC, जल बोर्ड, शहरी विकास, DSIIDC पूर्णतः दिल्ली सरकार के अधीन हैं और MCD भी आपके तहत ही है।माननीय मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal जी से अनुरोध है कि दिल्ली और दिल्ली की आम जनता की समस्याओं की तरफ ध्यान दें।आपकी जानकारी के लिये कुछ तस्वीरें संलग्न कर रहा हूं।ऐसी ही स्थिति मैने किराड़ी और बुराड़ी में भी देखी
ये काम विपक्ष को करना चाहिए था- केजरीवाल
मैं आपका शुक्रगुज़ार हूँ कि आपने हमारी कमियाँ बतायीं। इसके पहले आपने किराड़ी और बुराडी की कमियों को भी उजागर किया था। मैं अभी मुख्य सचिव को आदेश दे रहा हूँ कि वो सात दिन के अंदर इन सभी इलाक़ों की इन सभी कमियों को दूर करे।जो काम आप कर रहे हैं, वो काम विपक्ष को करना चाहिए था। सत्ता पक्ष की कमियाँ निकालना विपक्ष का काम है। दुर्भाग्यवश, आज विपक्ष यानि बीजेपी के सातों सांसद राजनीति से सन्यास लेने में व्यस्त हैं और आठों विधायक गहरी निद्रा में सोये हैं। यही कारण है कि दिल्ली की सत्ता पिछले 26 साल से बीजेपी से दूर है। इसलिए, मज़बूरीवश, LG के संवैधानिक पद पर होते हुए भी विपक्ष की भूमिका आपको निभानी पड़ रही है।
अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की
जो कमियाँ आपने बतायी हैं – जिन अधिकारियों को ये काम करना था और उन्होंने नहीं किया, उनके ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त एक्शन होना चाहिए। “services” और “vigilance” आपके अधिकार क्षेत्र में आता है। अगर ये मेरे अंडर होता तो मैं ना केवल ऐसे लापरवाह अफ़सरों को तुरंत सस्पेंड करता बल्कि उनके ख़िलाफ़ ऐसा एक्शन लेता कि फिर कोई अधिकारी ऐसी कौताही करने की हिम्मत ना करता। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इन विभागों के सबसे सीनियर अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करेंगे और उन्हें exemplary सज़ा देंगे। 2 करोड़ दिल्लीवासी आपके एक्शन का इंतज़ार करेंगे।