कोरोना ने बीते करीब दो सालों से पूरी दुनियाभर में तहलका मचा रखा है इस महामारी में कई लोगों ने अपनी जान गवाई है. तो कई लोगों की आर्थिक कमर भी टूटी है. अगर बात करें भारत की तो इस महामारी ने भारत में भी पूरा कहर ढाया है. भारत में पहली लहर में काफी संख्या में लोगों ने अपनी जान गवाई तो वहीं दूसरी लहर ने भारत को झकझोर के रक दिया. दूसरी लहर के बाद कई विशेषज्ञों ने यह अनुमाल लगाया था कि अगर भारत में दोबारा से कोरोना की लहर आती है यानी की तीसरी लहर आती है तो वो पहले की दो लहरों मे भी ज्यादा खतरनाक होगी. और उसका असर सीधे तौर पर दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में देखने को मिलेगा. लेकिन शायद इन महानगरों के साथ ऐसा नहीं हुआ. आपको बता दें देश की राजधानी में दिल्ली कोरोना का संक्रमण अब तेजी से घट रहा है. दिल्ली में संक्रमण की दर घटकर 18 प्रतिशत से कम हो गई है.
जिसकी वजह से दिल्ली के अंदर कोरोना के नए मामले भी घटे हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना की संक्रमण दर और नए मामले दोनों तेजी से कम हो रहे हैं. इस वजह से दिल्ली में कोरोना के करीब 10,500 नए मामले आए है. लिहाजा, अब दिल्ली में एक दिन में कोरोना के एक लाख मामले आने का खतरा टल गया है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में संक्रमण बढ़ने पर कुछ विशेषज्ञों ने दिल्ली में एक दिन में कोरोना के एक लाख मामले आने की बात कही थी, जो सही साबित नहीं हुई है.
कोरोना के मामले 28,867 के चरम सीमा पर पहुंचने के बाद अब तेजी से घट रहे हैं. इसलिए कोरोना के संक्रमण की चरम सीमा खत्म हो गई है इसके ही साथ सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना का बड़ा खतरा कम हो गया है. आगे सत्येंद्र जैन ने कहा कि बृहस्पतिवार को कोरोना से जिन 43 मरीजों की मौत की बात सामने आई थी उनमें से तीन मरीजों की मौत का प्राथमिक कारण कोरोना है. बाकी 40 मरीजों की मौत का कारण कोई दूसरी बीमारी थी. जिसमें कैंसर, किडनी की बीमारी और कई दूसरी गंभीर बीमारियां शामिल हैं.