NO Confidence Motion: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा शुरू हो गई है। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी भी आज संसद में बैठे नजर आए। चर्चा थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर पहला भाषण राहुल गांधी देंगे लेकिन किसी वजह से राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के चर्चा को शुरुआत नहीं की। बल्कि इस अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में सबसे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने हिस्सा लिया। गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए केंद्र सरकार पर मणिपुर मुद्दे को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। वहीं गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए सवाल के बाद भाजपा की ओर से गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने जवाब दिया।
बता दें कि मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति(BRS) के नाना नागेश्वर राव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं-गोरव गोगोई
गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु की। इन्होंने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं।यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। उन्होंने कहा कि, मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है।मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है। अगर मणिपुर जल रहा है, तो भारत जल रहा है।इसलिए आज हम सिर्फ मणिपुर की नहीं, पूरे भारत की बात कर रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि हम सिर्फ पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्ववास प्रस्ताव लान पड़ा है।
‘अपने बेटे को सेट करना और दूसरा दमाद को भेंट करना’
वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर गोरव गोगोई के बाद बीजेपी के तरफ से गोड्डा से सांसद बोलने के लिए खड़े हुए। अपने भाषण में निशिकांत दुबे ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- सोनिया जी के सिर्फ दो उद्देश्य हैं, पहला-अपने बेटे को सेट करना और दूसरा दमाद को भेंट करना। निशिकांत दुबे ने नेशनल होराल्ड का भी मुद्दा उठाया।उन्होंने कहा, मैं इंतजार कर रहा था कि राहुल गांधी जी बोलेंगे लेकिन वह नहीं बोले हो सकता है उन्होंने तैयारी नहीं की हो, देर से उठे होंगे।
पीएम मोद के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव
बता दें कि यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। सबसे पहले साल 2018 में तेलुगू देशम पार्टी(TDP) अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थे। जिसके खिलाफ 330 वोट पड़े थे। वहीं यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। आंकड़ों के हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी को इस बार भी कोई खतरा नहीं नजर आ रहा है। एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा उड़ीसा के मुख्यमंत्री की पार्टी बीजू जनता दल( BJD) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) ने भी अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने का ऐलान कर चुका है।