SBI Submitted Report to Supreme Court: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में SBI ने हलफनामा दाखिल कर दिया है। बता दें कि सरकार द्वारा राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लाया गया था। इसे पिछ्ले दिनों सरकार ने निरस्त कर दिया। वहीं बॉन्ड के जरिए चंदा देने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के बाद अब SBI ने बॉन्ड खरीदने वाले लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंप दिए हैं। जिसे चुनाव आयोग 15 मार्च तक पोर्टल पर अपलोड कर देगा।
वहीं SBI द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आंकड़े इस प्रकार है
1 अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच 3346 बांड खरीदे गए तो 1609 ही भुनाए(Redeem) हुए
12 अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 18871 बॉन्ड खरीदे गए और 20421 बॉन्ड राजनीतिक दलों में भुनाए या कैश कराए।
स्टेट बैंक के सीएमडी दिनेश खारा ने चुनावी बांड को लेकर दाखिल किए हलफनामे में कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो गया है।
एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा सारा डेटा चुनाव आयोग को डिजिटल फॉर्मेट में दिया है।
एसबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि बैंक ने सीलबंद लिफाफे में एक पेनड्राइव में दो पीडीएफ फाइल के जरिए सामग्री सौंपी है जो पासवर्ड से संरक्षित हैं।
एसबीआई ने अपने हलफनामा में यह भी कहा कि जिन राजनीतिक पार्टियों के द्वारा इलेक्ट्रोल बांड के पैसा कैश नहीं करवाया गया है वो नियमों के मुताबिक वह पैसा प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में चला जाता है।
एसबीआई ने अपने हलफनामे में बताया है कि 187 इलेक्ट्रोल बांड का पैसा राजनीतिक पार्टियों के द्वारा कैश नही करवाया गया वह पैसा प्रधानमंत्री रिलीफ फंड को चला गया है।