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G-20 Summit: जी-20 के मंच से पीएम मोदी ने दुनिया को दी बड़ी चेतावनी

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G20 Summit 2022: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध के बीच दो ध्रुवों में बढ़ चुकी दुनिया को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 के मंच से बड़ी चेतावनी दी ।किसी वैश्विक मंच पर पहली बार जमा हुए रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के सामने पीएम मोदी ने कहा कि, यूक्रेन युद्ध को लेकर मैं बार-बार कह रहा हूं कि हमें सीजफायर और कूटनीति के रास्ते पर लौटने के लिए रास्ता तलाश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, इसकी वजह से उर्जा फर्टिलाइजर खाद्यान्न का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह फर्टिलाइजर की कमी रही  तो कल दुनिया खाद्यान्न की भारी कमी से जूझना पड़ सकता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछली सदी में दूसरे विश्वयुद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था । इसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए एक गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है। कोरोना के बाद नई विश्व व्यवस्था को पैदा करने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है। आज की जरूरत है कि, शांति, सुरक्षा और भाईचारे को सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस और सामूहिक प्रयास किए जाएं। मुझे भरोसा है कि जब जी-20 की बैठक भगवान बुद्ध और गांधी जी की पवित्र जमीन पर होगा तब हम शांति की दिशा में दुनिया को एक ठोस संदेश देंगे।


भारत की ऊर्जा सुरक्षा दुनिया के लिए जरूरी


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के देशों के प्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि अगर इसी तरह फ़र्टिलाइज़र की समस्या बनी रही तो कल पूरी दुनिया भयंकर खाद्यान्न की कमी जुझेगी। जिसके लिए दुनिया के पास कोई समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें एक आपसी समझौता करना होगा ताकि खाद्यान्न की आपूर्ति स्थिर और सुरक्षित तरीके से होता रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, भारत में सतत खाद्यान्न सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं । और परंपरागत फसलों जैसे बाजरे को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे वैश्विक कुपोषण और भुखमरी की समस्या से निपटा जाए।


रूस से तेल लेने की आलोचना पर इशारों इशारों में पीएम मोदी ने कहा कि, भारत की ऊर्जा सुरक्षा दुनिया के विकास के लिए भी जरूरी है भारत दुनिया की सबसे तेजी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए और बाजार में स्थिरता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। भारत साफ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है ।उन्होंने बताया कि साल 2030 तक भारत अपनी आधा बिजली रिन्यूएबल स्रोतों से पैदा करेगा। इसके आलावा उन्होंने कहा कि, इस बदलाव के लिए समयबद्ध तरीके से तकनीक और धन दिया जाना चाहिए।
   
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