Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से ही राजनीतिक हलचल तेज है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ़ जा कर वोटिंग की। अब इन विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई है। दल बदल कानून के तहत इन लोगों के ऊपर कर्रवाई की गई है। विधनसभा अध्यक्ष ने कल ही इसको लेकर बैठक की थी। और फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं आज इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
30 पेज का जारी किया आदेश
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया, “दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी।6 विधायक जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा और दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ याचिका मिली।मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है।मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।”
प्रतिभा सिंह ने जल्दबाजी वाला फैसला बताया
वहीं कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और सांसद प्रतिभा सिंह ने इसे जल्दबाजी बताया। उन्होंने कहा, “जब आपको(सुखविंदर सिंह सुक्खू) एक साल से ज्यादा समय हो गया है, फिर भी आप उनके मसलों का संज्ञान नहीं ले रहे, उनकी बात नहीं सुन रहे तो उनका नाराज होना जायज है। अगर वे उन्हें बैठाकर बात करते तो आज यह स्थिति नहीं होती।”
विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा?
वहीं सुक्खू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले 6 विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “अभी मेरा इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है। हमारे पर्यवेक्षक यहां आए हैं, उन्होंने परिस्थिति को देखा है और फिर स्पीकर ने फैसला लिया है इसलिए मेरा इसपर कुछ कहना उचित नहीं है। हिमाचल देवभूमि है और हम प्रभु राम का भी आशीर्वाद लेकर आए हैं। सबका आशीर्वाद साथ है तो जो होगा अच्छा होगा।”