Karnataka Hindu Mandir Tax: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मंदिरों के राजस्व पर 10% टैक्स लगाने का फैसला किया है। कर्नाटक सरकार ने 21 फरवरी को विधानसभा में कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 पारित किया है।इस बिल के मुताबिक मंदिरों के राजस्व पर 10% तक टैक्स वसूला जाएगा।इस बिल के अनुसार अगर किसी हिंदू मंदिर का राजस्व 1 करोड़ है तो सरकार उनसे 10 फीसद टैक्स ले सकती है। सरकार के इस फैसले पर अब बवाल शुरू हो गया है।बीजेपी ने सरकार पर जोरदार निशाना साधा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 के मुताबिक अगर किसी हिंदू मंदिर का राजस्व 1 करोड़ है तो सरकार उनसे 10 फीसद टैक्स लिया जा सकता है।और जिनका राजस्व 1 करोड़ से कम है लेकिन 10 लाख रुपए से ज्यादा है तो उनसे सरकार 5 प्रतिशत टैक्स ले सकती है।इस नए बिल के अनुसार अन्य धर्मों के व्यक्तियों को मंदिर प्रबंधन का सदस्य बनने की भी अनुमति दी गई है।यानी मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोग भी कर्नाटक के मंदिरों का प्रबंधन संभाल सकते हैं।
कर्नाटक का सियासी पारा हाई
कर्नाटक सरकार के इस विधेयक पर ने कर्नाटक का सियासी पारा हाई कर दिया है।बीजेपी ने इस प्रावधान को हिंदू विरोधी बिल बताया है और वापस लेने को कहा है।पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि, राज्य में लगातार हिंदू विरोधी नीतियां अपना रही कांग्रेस सरकार ने अब हिंदू मंदिरों के राजस्व पर टेढ़ी नजर डाली है और अपना खाली खजाना भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है।इसके साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि टैक्स से वसूले गए पैसों का उपयोग दूसरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने सरकार का किया बचाव
बीजेपी के इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विजयेंद्र येदियुरप्पा पर पलटवार किया। उन्होंने बीजेपी पर धर्म को राजनीति में लाने का आरोप लगाया साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की सच्ची समर्थक तो कांग्रेस है।लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस पर तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं।