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India Myanmar Border: भारत और म्यांमार के बीच बॉर्डर पर होगी फेंसिंग, 1643 किलोमीटर लंबी बॉर्डर होगी अभेद्य

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Fencing India Myanmar Border: भारत सरकार ने मंगलवार को सीमा सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। इसके तहत भारत और म्यांमार के बीच लगभग 1643 किलोमीटर लंबी बॉर्डर पर फेंसिंग लगाई जाएगी। इसके अलावा घुसपैठियों पर निगरानी रखने के लिए एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ये जानकारी दी।उन्होंने कहा, मोदी सरकार अभेद्य सीमाएँ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार ने 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है।

काम जल्द ही शुरू हो जाएगा- शाह
मोदी सरकार अभेद्य सीमाएँ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है। बेहतर निगरानी की सुविधा के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा।सीमा की कुल लंबाई में से, मणिपुर के मोरेह में 10 किमी की दूरी पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है। इसके अलावा, हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर बाड़ लगाएंगे। इसके अतिरिक्त, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

हिमंता ने सरकार को दिया धन्यवाद

वहीं सरकार के इस फैसले पर असम के सीएम हिमंता ने खुशी व्यक्त की है। हिमंता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर गृह मंत्री अमित शाह के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि,  ‘यह एक सराहनीय और साहसिक निर्णय है जिसका पूरे उत्तर पूर्वी क्षेत्र पर बड़ा स्थिर प्रभाव पड़ेगा।अत्याधुनिक बाड़ लगाने से बेहतर निगरानी के माध्यम से सीमा पार उग्रवाद और घुसपैठ की घटनाएं भी कम होंगी।माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा आभार एवं माननीय गृह मंत्री श्री अमितशाह जी को हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने के इस महान प्रयास के लिए धन्यवाद।’

सरकार ने पहले ही दिए थे संकेत
बता दें कि, गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने पहले ही इस बात के संकेत दिए थे कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठियों और विद्रोहियों की भारत में एंट्री को रोकने के लिए म्यांमार के साथ मुक्त आंदोलन व्यवस्था को खत्म करने पर विचार कर रही है।पीएम मोदी अक्सर सीमाओं को मजबूत करने पर जोर देते रहे हैं।

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