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Khan Market: दिल्ली के सबसे महंगे मार्केट में से एक खान मार्केट का कौन है मालिक, किसे जाता है यहां का किराया, इस रिर्पोट में जानिए सबकुछ

Khan Market Delhi: पीएम मोदी द्वारा खान मार्केट गैंग की चर्चा के बाद लोगों ने इसके बारे में खूब जानना चाहा। लेकिन इसके इतर भी खान मार्केट कई वजह से खास है। दूर-दूर से लोग यहां शॉपिंग करने आते हैं। जायकेदार पकवानों का लुफ्त उठाते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा कि खान मार्केट का मालिक कौन है? इसे किसने बसाया? यहां की दुकानों का किराया कौन और वसूलता है? चलिए आपको इस रिपोर्ट के जरिए आज इन सभी सवालों का जवाब देते हैं।

जानिए क्यों पड़ा खान मार्केट नाम?

खान मार्केट की शुरुआत साल 1951 में हुई थी। बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आकर बसे लोगों को यहां रहने के लिए घर बनाए गए थे। नीचे दुकान थी और ऊपर लोगों को रहने के लिए घर थे। इस मार्केट का नाम स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल गफ्फार खान के भाई अब्दुल जब्बार खान के नाम पर रखा गया। कहा जाता है कि, विभाजन के समय जब कत्लेआम मचा हुआ था तब अब्दुल जब्बार खान तमाम हिंदुओं को पाकिस्तान से सुरक्षित निकालकर भारत लाए थे। इसलिए उनके नाम पर इस मार्केट का नाम रखा गया।कहते हैं कि शुरुआत में यहां सिर्फ तीन घर थे लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया रहने की जगह रेस्टोरेंट और दुकानों ने ले ली। आज यहां हजारों की संख्या में दुकान खुल गई हैं।

कौन वसूलता है इनका किराया?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन दुकानों का किराया कौन वसूलता है? तो बता दें कि, ज्यादातर दुकानें लीज पर है। शुरुआत में इसका किराया ₹50 महीना तय किया गया था। लेकिन साल 1956 में पुर्नस्थापन मंत्रालय की योजना के तहत 6516 रुपए प्रति वर्ष किराया कर दिया गया। आज यहां पर सैकड़ो की संख्या में दुकानें हैं जो सरकार के नियंत्रण में आती है। इनका किराया 6 लाख प्रति महीने से ज्यादा है। मगर बहुत सारी दुकानें नगर निगम की नियंत्रण में है। जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे तब इनका नाम बदलने की भी मांग की थी, लेकिन यहां के दुकानदारों ने विरोध किया था।

Sumit Jha
Sumit Jha
Sumit Jha is full time content writer in DK News India, He give his thoughts on politics, viral news, business news and many more topics

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