Delhi LG vs AAP: दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल विनय सक्सेना के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से आप पर राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापनों के रूप में प्रकाशित करने के आरोप में ₹97 करोड़ रुपए वसूलने को कहा है। उप राज्यपाल के निर्देश को उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व आदेशों से जुड़ा बताया जा रहा है।
97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों के रूप में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया है। एलजी के निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और 2016 के सीसीआजीए के आदेश के मद्देनजर आए हैं। जिसका आप सरकार द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि सत्तारूढ़ आप सरकारी विज्ञापनों के लिए 97 करोड़ रुपए का भुगतान करें जो कथित रूप से पार्टी को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। बता दें कि दिल्ली नगर निगम के हालिया चुनावों में 2015 से दिल्ली विधानसभा में सत्ता पर काबिज आप ने हाल ही में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया ।
आम आदमी पार्टी दिल्ली के उपराज्यपाल पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाती रही है। जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
RTI के जरिए हुआ ये खुलासा
इसी साल 8 जुलाई को एक रिपोर्ट मीडिया में आई थी जिसमें कहा गया था कि सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन से खुलासा हुआ है कि 2015 में दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद से अरविंद केजरीवाल सरकार का विज्ञापन और प्रचार को लेकर खर्च बढ़ रहा है।
दरअसल 2 मई 2022 को बिहार के वैशाली जिले के निवासी कन्हैया कुमार ने आप के 10 वर्षों के विज्ञापन खर्च की जानकारी के लिए आरटीआई आवेदन दिया था। यह आवेदन सूचना और प्रसारण निदेशालय के अधीन दिल्ली सरकार की एक विज्ञापन एजेंसी ‘शब्दार्थ’ के जन सूचना अधिकारी को दिया गया था। इसमें 9 बिंदुओं के तहत जानकारी मांगी गई थी।