Lucknow: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि, किसी महिला को दहेज में एक भैंस मिले और वह उसके मदद से ,अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसा बिजनेस खड़ा कर दे। जिससे एक समय बाद उनकी उस दूरगामी सोच से हज़ारों लोगों को अपना कुछ करने की प्रेरणा मिले । आप को ये सब कुछ अटपटा लग रहा होगा ,लेकिन ये सच्ची घटना है ,उत्तरप्रदेश की रहने वाली एक महिला ने अपने हौसले और लगन के बल पर एक असाधारण कार्य कर दिखाया। आज हम उस महिला की सफलता की कहानी आप सब से साझा करेगें।
लखनऊ के निगोहां के मिरकनगर गांव की रहने वाली बिटानी देवी नाम की महिला की शादी आज से 37 साल पहले हुई थी। शादी के दौरान उन्हें दहेज़ में अन्य सामानों के साथ-साथ एक भैंस भी मिली । फिर उन्होंने अपनी दूरगामी सोच को दिखाते हुए 1985 में अपना डेयरी का काम शुरू कर दिया। उनकी इस कोशिश में घर वालों का भरपूर सहयोग भी मिला । नतीजा ये हुआ कि, एक भैंस से शुरू हुए व्यापार आज दो दर्जन से अधिक लोगो को रोजगार दे रही है।
पति हैं शिक्षक ,खुद करती है सारा काम
इस समय उनके पास 16 गायें और 11 भैंसे हैं ,जिनसे हर दिन 100 से 120 लीटर दूध मिलता है। इन मवेशियों को खिलाने पिलाने से लेकर उनका दूध दुहने तक का सारा काम बिटानी देवी खुद करती है। बिटानी देवी बताती है कि, उनके पति शिक्षक थे ,अब रिटायर हो चुके हैं।लकिन उनकी दिचलस्पी इन कामों में नहीं है। वह उनका हौसला बढ़ाते हैं। बिटानी देवी ने बताया कि वह अपने भैंसों का दूध पराग कंपनी को बेचती हैं। उनके जरिए आसपास की महिलाएं और पुरुष भी डेयरी कारोबार से जुड़कर लाभ कमाने लगे हैं।
2005 से लगातार मिल रहा है पुरस्कार
बिटानी देवी अपनी मेहनत के बल पर आज अपने आस-पास के 2 दर्जन से अधिक लोगों को नौकरी दे रही हैं। इनके इसी दूरदर्शी सोच और मेहनत को देखते हुए साल 2005 से लगातार लखनऊ में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन के लिए, इन्हें गोकुल पुरस्कार मिल रहा है। बिटानी देवी का सपना है कि, एक दिन वह पुरे उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाली महिला के तौर पर जानी जाएं। प्रदेश सस्तर पर मिलने वाले पुरस्कारों में वह कई बार टॉप -5 में रही हैं। आपको ये सच्ची स्टोरी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं