Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की कल बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्तार के मौत के बाद से ही देश की राजनीति गर्म हो गई है।विपक्षी दलों ने मुख्तार के मौत पर सवाल उठाया है। कई दलों के नेताओं ने मुख्तार को ,स्लो पॉयजन देने का आरोप लगाया है।वहीं इस मामले पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा है कि, जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।
अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना
अखिलेश यादव से सोशल मीडिया पर लिखा है कि, हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
– थाने में बंद रहने के दौरान
– जेल के अंदर आपसी झगड़े में
– जेल के अंदर बीमार होने पर
– न्यायालय ले जाते समय
– अस्पताल ले जाते समय
– अस्पताल में इलाज के दौरान
– झूठी मुठभेड़ दिखाकर
– झूठी आत्महत्या दिखाकर
– किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर
ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।
उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।