Balasore Train Accident: उड़ीसा के बालासोर में 2 जून की शाम हुई भीषण रेल हादसे का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हादसे के बाद 275 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत रहा है वैसे-वैसे मरने वाले की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पताल में भर्ती लगभग 200 घायलों में से आज तीन घायलों की मृत्यु हो गई। जिससे इस हादसे में मरने वालों ने लोगों की संख्या 278 पहुंच गई। वहीं अभी तक 100 से ज्यादा शवों की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों के परिजन अस्पताल से लेकर घटनास्थल तक अपने स्वजनों को ढूंढ रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने परिजनों के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है। बहुत से यात्री अभी भी गायब है।जिसका कोई भी जानकारी उनके परिवार वालों तक नहीं पहुंच रही है।
मीडिया से बात करते हुए ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के डिविजनल मैनेजर रिंकेश रॉय ने कहा कि, ओडिशा के कई अस्पतालों में अभी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं 101 शवों की पहचान नहीं हो सकी है।
900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है
डिवीजन रेलवे मैनेजर रिंकेश रॉय ने बताया कि, उड़ीसा रेल हादसे में लगभग 1100 लोग घायल हुए थे। जिसमें 900 लोगों का इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा उड़ीसा के कई अस्पतालों में लगभग 200 लोगों का इलाज किया जा रहा है। उड़ीसा के बालासोर में हुआ जिसमें दो एक्सप्रेस ट्रेन पर एक मालगाड़ी की इस दुखद घटना पर गहरा प्रभाव पड़ा।
भुवनेश्वर नगर निगम ने 80 शवों की पहचान कर ली है
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने एनएनआई को बताया कि, भुवनेश्वर अस्पताल में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर पर 200 से ज्यादा कॉल आए हैं।
ऐसे हुआ हादसा
2 जून शुक्रवार को उड़ीसा के बालासोर में कॉमन लूप पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा कर कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर जा गिरी। टक्कर के वक्त दोनों ट्रेनें तेज गति से चल रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस अपलाइन में तेज गति से आ रही थी। जबकि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन लाइन में आ रही थी। वहीं मालगाड़ी कॉमन लूप में थी। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम 6:50 से 7:10 के बीच कुछ ही मिनटों में यह दुर्घटना हुई। वैसे रेलवे ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।