Panchajanya Magzine Cover Photo on Emergency: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS )के मुखपत्र माने जाने वाले पत्रिका पांचजन्य ने आपातकाल की बरसी के मौके पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से की है। पांचजन्य पत्रिका ने अपने कवर पेज पर हिटलर और इंदिरा गांधी की तस्वीर आमने-सामने लगाई है। जिसका टाइटल हिटलर गांधी रखा गया है।
इस मैगजीन के पेज पर लिखा हुआ है हिटलर के जघन्य अपराधों को नकारने या भुलाने पर यूरोप में कई जगह कानूनी पाबंदी है। यह उनके लिए अस्तित्व रक्षा का सवाल है। यही स्थिति भारत में इंदिरा गांधी के लगाए गए आपातकाल की है। जिसे भुलाना लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए खतरनाक हो सकता है। आइए याद करें 25 जून 1975 की काली रात से शुरू हुई दास्तान….”
लोकनायक के हाथों में हथकड़ी वाली फ़ोटो
इसके आगे मैग्जीन में जयप्रकाश नारायण की हाथ में हथकड़ी लगी फोटो भी है। जिसका टाइटल ‘वह भयावह कहानी’ दिया है। इसमें लिखा गया है, “अगर यूरोप नाजीवाद और फासीवाद के सच को विस्मृत कर देगा तो वहां फिर से वही सब होने से बचना संभव नहीं रह जाएगा। यही स्थिति भारत के साथ है। अगर हम आपातकाल के विस्मृत कर देंगे तो हमारे लिए भी लोकतंत्र बचाए रखना संदिग्ध हो जाएगा।
‘….. ये तानाशाही सनक की कहानी है’
इसमें आगे लिखा है, “आपातकाल की लोमहर्षक कहानी लाखों लोगों को जेल में बंद करके लोकतंत्र का, कानून का, संविधान का, मर्यादा का, हर तरह की संस्था का, न्यायपालिका का गला घोट कर स्वयं को सत्ता में बनाए रखने की तानाशाही सनक की कहानी है।”
पत्रिका में आगे लिखा गया है, “इन सब बातों को बीती मानकर छोड़ना वैसा ही होगा जैसे यूरोप में किसी नाजी पार्टी को फिर से पनपने देना। यह न तो विचारधारा का प्रश्न है, ना राजनीति का, यह भारत के लोकतंत्र की रक्षा का प्रश्न है। इसके साथ ही शिवेंद्र राणा के ‘तानाशाह इंदिरा’ समेत कुछ अन्य लेखकों के लेख में आपातकाल पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।