Rahul Gandhi in Loksabha: लोकसभा में घमासान शुरू हो चुका है। काम काज कम और संग्राम ज्यादा देखने को मिल रह है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। पहली बार नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी ने जब बोलना शुरू किया तो उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया। जिसके बाद लोकसभा में खूब शोर शराबा हुआ।राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को लेकर दिए बयान पर अब संत समाज ने भी अपना रिएक्शन दिया है।
अवधेशानंद गिरि ने राहुल पर उठाया सवाल
संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के भाषण पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि, ”हिंदू हर किसी में भगवान देखते हैं, हिंदू अहिंसक, उदार और उदार हैं। हिंदू कहते हैं कि पूरी दुनिया उनका परिवार है और उन्हें हमेशा सभी के कल्याण, खुशी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए” और सम्मान। हिंदुओं को हिंसक कहना या ये कहना कि वो नफरत फैलाते हैं, ठीक नहीं है। ऐसी बातें कहकर आप पूरे समाज को बदनाम और अपमानित कर रहे हैं और ये एक ऐसा समाज है जो सर्वसमावेशी है।” सभी का सम्मान करते हैं। राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि हिंदू हिंसक होते हैं और हिंदू नफरत पैदा करते हैं… मैं उनके इन शब्दों की निंदा करता हूं। इससे पूरा समाज आहत है और संत समाज में गुस्सा है।” इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।”
अगर हिंदू हिंसक होते तो राहुल गांधी ऐसा नहीं कहते- राजू दास
अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने राहुल गांधी की ‘हिंदू’ टिप्पणी पर कहा, “अगर हिंदू हिंसक होते तो राहुल गांधी ऐसा नहीं कहते। दुख की बात ये है कि सदन में इतने सारे हिंदू मौजूद थे, फिर भी किसी ने उन्हें कुछ नहीं कहा।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम का राहुल का तंज
वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि, “राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और सरकार से सवाल करना उनका कर्तव्य है। हालांकि, एक पूरे समुदाय की आलोचना करना… हिंदुओं को हिंसा से जोड़ना सही नहीं है। इससे उन हिंदुओं की भावनाएं आहत होंगी जिन्होंने वोट दिया था।” उनके लिए, ‘सनातन धर्म’ में किसी को एक कीड़ा भी मारने की इजाजत नहीं है, लेकिन आप पूरे हिंदू समुदाय को हिंसा से जोड़ रहे हैं,”
मुस्लिम धर्म गुरु ने भी उठाया सवाल
संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के भाषण पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती का कहना है, ”आज संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि इस्लाम में ‘अभयमुद्रा’ भी है. मूर्ति का कोई जिक्र नहीं है.” इस्लाम में पूजा-पाठ है, न ही किसी तरह की मुद्रा है, मैं इसका खंडन करता हूं, इस्लाम में ‘अभयमुद्रा’ का कोई जिक्र नहीं है और मेरा मानना है कि राहुल गांधी को अपना बयान सुधारना चाहिए.’