Supreme Court On Bulldozer Action: पिछले कुछ महीनों से देश के कई राज्यों में बुलडोजर एक्शन जारी है… अपराधियों में खौफ पैदा करने और अपराध पर लगाम के लिए बुलडोजर एक्शन का फैसला प्रशासन की तरफ से लिया जाता है… और इस एक्शन के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और आज इसपर सुनवाई हुई… सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत ने सख्त टिप्पणी की… जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि आपराधिक कानून में किसी आरोपी के खिलाफ बुलडोजर एक्शन कैसे लिया जा सकता है?… ‘बेटे की गलती पर बाप का घर क्यों गिरे’
बुलडोजर एक्शन पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई
SG तुषार मेहता- म्युनिसिपल कानून के अनुसार कार्रवाई की गई
SG तुषार मेहता- अवैध कब्जे के मामलों में नोटिस देने के बाद कार्रवाई की गई
SC- बेटा आरोपी…लेकिन इस आधार पर पिता का घर गिरा देना?
SC- कार्रवाई का यह तरीका सही नहीं है
SC- हम यहां अवैध अतिक्रमण के बारे में बात नहीं कर रहे हैं
SC- इस मामले से जुड़ी पार्टियां सुझाव दें
SC- हम पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं
SC- अगर कोई दोषी भी करार दिया जाए तो भी बुलडोजर एक्शन कानून के खिलाफ है
जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है… याचिका में यूपी,मध्यप्रदेश
और राजस्थान में जारी बुलडोजर एक्शन की बात कई गई है… याचिका में ‘बुलडोजर जस्टिस’ की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की अपील की गई थी… जमीयत की तरफ से पेश वकील दुष्यंत दवे ने दावा किया कि बुलडोजर एक्शन के जरिए सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ही निशाना बनाया जा रहा है, लिहाजा इन मामलों में तत्काल रोक लगाने की जरूरत है… इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी… कोर्ट ने लोगों से इसको लेकर सुझाव मांगे…