Sone ka Ped: पुराने जमाने से पेड़ पौधों को लेकर अलग-अलग तरह की मान्यताएं होती है क्योंकि कहा जाता है कि इसमें देवी देवताओं का वास होता है यही वजह है कि इन्हें धार्मिक वृक्षों का दर्जा दिया जाता है इन्हीं वृक्षों में से एक पेड़ है जिसका नाम शमी है इस पेड़ को आर्थिक संपन्नता से जोड़कर देखा जाता है ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में शमी का पौधा होता है वहां कभी धन की कमी नहीं रहती है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा रघु खजाना मांगने कुबेर के पास गए तब कुबेर ने राजा रघु को शमी का पेड़ दिया था। इस पेड़ को देखकर पहले राजा रघु बहुत हैरान हुए लेकिन जब कुबेर ने इस पौधे को हिलाया तो इसकी पत्तियां झड़ कर स्वर्ण यानी सोने की बन गई। यह चमत्कार देखकर राजा रघु हैरत में पड़ गए। बस उसी दिन से शमी के पेड़ को सोना देने वाला पेड़ कहा जाने लगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक दशहरा यानी विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा बहुत फायदेमंद होती है। ज्योतिष वेद की मानें तो दशहरे के दिन शमी की पत्तियों को उपहार में देने से भी बड़े फायदे होते हैं। आप दोस्तों या रिश्तेदारों को इसकी पत्तियां गिफ्ट कर सकते हैं।
सुख शांति: ज्योतिषियों के अनुसार दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से तीन चीजों का लाभ मिलता है। इसकी पूजा से घर में धन सुख और शांति का वास होता है। जीवन में धन की प्राप्ति है सुख शांति बढ़ाना सोने की समान ही है।
ग्रह दोष: शमी के पेड़ की पूजा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं इसकी पूजा से भगवान शिव भी खुश होते हैं और भक्ति को उनकी उपासना का फल देते हैं।
शनि की समस्या: लोगों को शनि ग्रह से संबंधित परेशानियां होती है या जो लोग साढ़ेसाती से परेशान रहते हैं, उन्हें भी शमी की पूजा से बड़ी राहत मिलती है।
तिजोरी में शमी के पत्ते: दशहरे के त्यौहार पर शमी के पेड़ की पूजा करना सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है। इस दिन शनि की पूजा करने के बाद उसकी पत्तियों को लाकर अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर रख देना चाहिए।