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Sucide: युवाओं को क्यों आता है सुसाइड का ख्याल? कैसे करें इससे डील

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Sucide : आज के दौर में लोग जितना मॉडल और तकनीक से जुड़ गए हैं उतना ही ज्यादा जिंदगी में अकेलापन और तनाव महसूस करते हैं। एकल परिवार और बड़े-बड़े महानगरों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बहुत ही मायूस होती जा रही है कई बार लोगों के पास इतने लोग भी नहीं होती जिनसे वह अपने मन का तनाव और परेशानी शेयर कर सकें ऐसे में उन लोगों के मन में सुसाइड करने के ख्याल आने लगते हैं हमने कई ऐसे मामले बॉलीवुड में भी देखे हैं जब लोगों के पास पैसे और रिसोर्सेज तो बहुत होते हैं लेकिन अकेला जीवन जीने के कारण वह तनाव का शिकार हो जाते हैं और वह खुदकुशी जैसे कदम उठाते हैं।

दरअसल जीवन में उदासी और अकेलापन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि मन में कई तरह की नेगेटिव ख्याल आने लगते हैं कुछ लोग ऐसी स्थिति को हैंडल कर लेते हैं तो वहीं कुछ लोग हैंडल ना करने की वजह से सुसाइड के बारे में सोचने लगते हैं उन्हें यह भी नहीं पता होता कि जिंदगी खत्म करना किसी भी समस्या का हल नहीं होता तो आइए जानते हैं कि आखिर सुसाइड करने के ख्याल कब और क्यों आते हैं और अगर ऐसे ख्याल आते भी हैं तो इससे बचने के उपाय क्या है।

क्यों आता है सुसाइड करने का ख्याल


1.तनाव और चिंता

2.एडजस्टमेंट नहीं कर पाना

3.किसी परिस्थिति को हैंडल नहीं कर पाना

4.ज्यादा नशा करना

5.किसी तरह की हीन भावना से ग्रसित होना

6.आत्महत्या की फैमिली हिस्ट्री

7.जॉब में निराशा होना

8.लंबी बीमारी होना

9.सामाजिक रुप से खुद को अलग महसूस करना

सुसाइड करने के ख्यालों को ऐसे करें हैंडल

कई बार सोशल लाइफ में लोग कनेक्ट नहीं रहते जिसकी वजह से ऐसे नेगेटिव ख्याल आने लगते हैं ऐसे में अगर आपके मन में कोई बुरे ख्याल आ रहे हैं तो अपनी समस्या को दूसरे के साथ शेयर करें अपने खास दोस्त यह फैमिली में से किसी भी व्यक्ति को अपनी टेंशन बताएं।

कुछ लोग दूसरों से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाती हैं। अगर कोई दूसरा उसके ऊपर कमेंट करें तो उस पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें। दूसरों की नेगेटिव बातों से प्रभावित ना हो।आप कैसे हैं यह आपकी फैमिली के लोग अच्छी तरह से जानते हैं। आपके दोस्त जानते हैं ऐसे में दूसरों के नेगेटिव कमेंट पर ध्यान ना दें।

अगर दिमाग में ऐसा कोई भी ख्याल आए तो एक्सरसाइज करें इससे दिमाग को रिलैक्सेशन मिलता है और नेगेटिव थॉट्स दूर हो जाते हैं एक्सरसाइज स्ट्रेस हार्मोन यानी कॉर्टिसोल का लेवल कम होता है इससे आपके ऐसे विचार भी बदल जाएंगे और पॉजिटिव सोच पाएंगे।

नेगेटिव विचारों को आप डाइट से काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं जब आपकी डाइट एंड हेल्दी होती है तो मोटापा और स्ट्रेस बढ़ता है जिससे ऐसे विचार आते हैं इस तरह के विचारों से बचने के लिए प्रोटीन हेल्दी और फाइबर से भरपूर डाइट में।

जिंदगी में कोई ना कोई गोल जरूर बनाएं आपकी मेहनत और लक्ष्य को हासिल करने किस दिन में नेगेटिव थॉट्स गायब हो जाएंगे।

Disclaimer:इस आर्टिकल में बताई गई विधि तरीकों और दावों को केवल सुझाव के रूप में लें डीके न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है इस तरह की किसी भी उपचार/ दवा /डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें।

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