DK News

Viral News: पैदा होने के 1000 दिन बाद हॉस्पिटल से घर आया बच्चा ,देखभाल के लिए माता पिता को दिया गया ट्रेनिंग

IMG 20221018 111501IMG 20221018 111501

Viral News: अमेरिका के शिकागो में एक बच्चे को 3 साल के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी मिली है। वो जन्म के बाद से ही हॉस्पिटल में भर्ती था। फ्रेंचस्को ब्रुनो नाम एक ये बच्चा जन्म के 1000 से ज्यादा दिनों बाद अपने घर को देखा। परिवार वाले इस बात से खुश है की, पहली बार बच्चे का बर्थ डे घर में मनाया जायेगा। ये बच्चा जन्म लेने के बाद से ही पूरी तरह से सांस लेने के लिए वेंटिलेटर और खाने में मदद करने के लिए ट्यूब पर निर्भर था।

फ्रेंचस्को एक दुर्लाफ बीमारी से पीड़ित हैं। विज्ञानं की भाषा में इस बीमारी को स्केलेटल डिसप्लेसिया कहा जाता है। इस तरह के रोग से पीड़ित बच्चे की हड्डियों और जोड़ो का सही से विकास नहीं हो पाता है। इस बच्चे के जन्म के बाद ही डॉक्टरों ने कहा था कि वो मुश्किल से 30 दिनों तक जिंदा रह सकता है। लेकिन डॉक्टरों के तमाम कोशिशों के बाद मेहनत रंग लाई और वो आज इस बीमारी से बड़ी ही हिम्मत के साथ लड़ रहा है।

बच्चे की देखभाल के लिए माता पिता को दिया गया ट्रेनिंग

फ्रेंचस्को जब एक हज़ार दिन के बाद अपने घर रहने के लिए जायेगा, जहां हर वक्त उसके साथ डॉक्टर नहीं रहेंगे। इस वजह से उसके देखभाल के लिए उसके माता पिता दोनों को ट्रेनिंग दिया जा रहा है। जिससे उसे कोई दिक्कत ना हो। स्कुल से घर आये उसके भाई बहन को अपने भाई के आने का बेसब्री से इंतजार था। माँ प्रिसिला ब्रूनो ने फॉक्स न्यूज़ से कहा ,वे बहुइट खुश हैं ,वे रोमांचित हैं ,वे घर पर कार्ड बना रहे हैं और फोन कॉल का इंतज़ार कर रहे है ताकि उन्हें बताया जा सके कि हम अपने रास्ते पर हैं ‘  

आगे का जीवन आसान नहीं है

फ्रेंचस्को को घर पर बिना डॉक्टरों के निगरानी में रखना आसान नहीं होगा। क्योंकि वे पिछले 3 साल से 24 घंटे डॉक्टरों के निगरानी में हॉस्पिटल में था। लेकिन अब उसे घर लाया जाएगा । हालांकि उसके देखभाल के लिए उसके माता पिता दोनों को ट्रेनिंग दी गई है, फिर भी यह चुनौतीपूर्ण होगा। हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि फ्रेंचस्को  यहां हर दिन पहले से बेहतर हो रहा था। ला रबिडा की नर्स ओलिविया हेस ने कहा ,जिस दिन वह पहली बार भर्ती हुआ,हमारे केस प्रबंधन और हमारी नर्सिंग टीम के बीच उन्हें तैयार करने के लिए बात चीत शुरू हो गई थी। आज का दिन हम डॉक्टरों और नर्सो के लिए भावुक पल है।

Exit mobile version