G20 Summit in Bali 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज इंडोनेशिया के बाली रवाना हो गए हैं ।पीएम नरेंद्र मोदी 14 से 16 नवंबर तक बाली में रहेंगे ।G20 शिखर सम्मेलन 15 और 16 नवंबर को है। करीब 45 घंटे के अपने प्रवास के दौरान पीएम मोदी 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे ।दुनिया के दिग्गज 20 देशों के समूह जी-20 के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी इसमें हिस्सा लेने वाले 10 देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। इसमें बहुपक्षी व द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा भी होगी।
G20 संगठन का अगला अध्यक्ष भारत होगा
जी-20 संगठन का अगला अध्यक्ष भारत है और इसकी अगली बैठक सितंबर 2023 में नई दिल्ली में होने वाली है। इस नजरिए से भी पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि, शिखर सम्मेलन तीन सत्रों में होगा और पीएम मोदी इन तीनों सत्रों में दूसरे वैश्विक नेताओं के साथ हिस्सा लेंगे। उनसे जब ये पूछा गया कि, पीएम मोदी की मुलाकात किन वैश्विक नेताओं से होगी। इसके जवाब में क्वात्रा ने बताया कि, इस बारे में संबंधित देशों के साथ बातचीत की जा रही है और कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
बाली में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य g20 नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था ऊर्जा पर्यावरण कृषि स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि, g20 शिखर सम्मेलन के दौरान 3 वर्किंग सेशन होंगे, जिसमें प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे। वहीं इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत मनोज कुमार भारती ने कहा ,भले ही प्रधानमंत्री मोदी का इंडोनेशिया का यह दौरा बहुत ही छोटा है लेकिन रणनीतिक रूप से यह दौरा बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है।
भारत के साथ इन देशों की होगी तिकड़ी
विदेश सचिव ने बताया कि, भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 सम्मेलन के लिए भारत इंडोनेशिया और ब्राजील में नेतृत्व करता तिकड़ी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि, जी-20 के इतिहास में पहली बार 3 विकासशील देश और उभरती हुई अर्थव्यवस्था एक साथ आई हैं।
85 फीसदी GDP जी -20 में
वर्तमान समय में पूरी दुनिया में G-20 संगठन का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। और यह संगठन अर्थव्यवस्था और विकास के बड़े अंतरराष्ट्रीय मामले को आकार और मजबूती देने में अहम भूमिका निभाता है। दुनिया की 85 फीसदी जीडीपी जी-20 के सदस्य देशों में हैं, जबकि दुनिया का 75 फ़ीसदी व्यापार और करीब 66 फ़ीसदी आबादी यहां रहती है।