72 Hoorain Trailer out: देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार फिल्मों को लेकर बवाल हो रहा है। फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर जारी विवाद के बीच एक बार फिर से एक और फिल्म विवाद में फंसती नजर आ रही है। अब सेंसर बोर्ड ने फिल्म ’72 हूरों’ के ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है। जिसके बाद फिल्म मेकर्स को इसे डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज करने करना पड़ा। फिल्म के ट्रेलर रिलीज होने के कुछ ही देर बाद से लोगों ने फिल्म की खूब तारीफ कर रहे हैं। वहीं भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा फिल्म के ट्रेलर को सर्टिफिकेट न देने के बाद फिल्म के सह निर्माता अशोक पंडित का गुस्सा फूट पड़ा है।
‘ये कैसी दादागिरी है?’
मशहूर डायरेक्टर संजीव पूरन सिंह चौहान के निर्देशन में बनी 72 हूरें फिल्म के ट्रेलर को रिजेक्ट किए जाने को लेकर अशोक पंडित का कहना है कि ,सीबीएफसी(CBFC)में बैठे लोग कौन है? फिल्म के ट्रेलर को किस ग्राउंड पर मना कर दिया गया जबकि फिल्म को सरकार ने नेशनल अवार्ड दिया है। जिस फिल्म को आपने नेशनल अवार्ड दिया है, जिसको सीबीएफसी ने सर्टिफिकेट दिया है उसी फिल्म के सीन से बने ट्रेलर को मना कर दिया। ये कैसी दादागिरी है?
अशोक पंडित ने अनुराग ठाकुर से की अपील
अशोक पंडित ने इस मामले में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से अपील की है। उनका कहना है कि, वे लोग फिल्म में कुरान शब्द को हटाने की बात कह रहे हैं लेकिन यह शब्द फिल्म से ही लिया गया है। फिल्म किसी धर्म के विरुद्ध नहीं है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध है। जब फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया गया तो टेलर को क्यों मना किया गया? इस निर्णय से सेंसर बोर्ड ने बहुत ही गलत मैसेज दिया है। लोग इस बारे में उनसे सवाल करेंगे? इंडस्ट्री के लोग मुझे फोन कर सपोर्ट जाहिर कर रहे हैं। जिन भी लोगों ने यह किया है उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए।
‘यह बहुत गंभीर फिल्म है’
अशोक पंडित ने आगे कहा है, आपने कई बार मौलवी को 72 हूरें कहते सुना होगा। मैं कश्मीर से हूं और कश्मीर के हर कोने और हर जगह में मैंने 72 हूरें के बारे में सुना है। मैंने आतंकवाद को बहुत करीब से देखा है। हम किसी को निशाना नहीं बना रहे हैं, यह बहुत गंभीर फिल्म है।
हमें हमारा काम मत समझाओ। हम मोर्चा नहीं लेते, हम फिल्म बनाते हैं। फिल्म के निर्माता गुलाब सिंह तंवर के अनुसार, ‘कई लोगों ने मुझसे कहा है कि, मैं ऐसी फिल्म में पैसा लगाकर पैसा बर्बाद कर रहा हूं। लेकिन मैं चाहता हूं कि हमारा समाज इसे देखें। कैसे युवाओं का ब्रेन वॉश किया जाता है और वे आतंकवादी बन जाते हैं। यह बात विश्व स्तर पर जानी चाहिए कि किस तरह धर्म के नाम पर युवाओं को ब्लैकमेल किया जाता है।