Atiq Ahmad Son Ashad Encounter: माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद एवं शूटर गुलाम को यूपी STF ने आज झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया है। एनकाउंटर के बाद से ही कई नेताओं ने योगी सरकार के इस एक्शन पर सवाल भी उठाया है। पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे फेक एनकाउंटर बताते हुए इसकी जांच की मांग की है। तो अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस एनकाउंटर के लिए योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, “अजय बिष्ट का दूसरा नाम, ‘मिस्टर ठोक दो’ था, इसलिए उनके राज में इस तरह की पूर्ण अराजकता जंगलराज एनकाउंटर किलिंग हो रही है और आगे भी जारी रहेगी”।
उन्होंने आगे कहा, “माननीय ठोक दो मुख्यमंत्री की हालिया एनकाउंटर किलिंग फिर से जंगलराज का जश्न मना रही है। जिसे बीजेपी राम राज्य के रूप में पेश कर रही है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गुरुवार को अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद को एनकाउंटर में मार गिराया। इस दौरान असद का साथी हत्याकांड का आरोपी गुलाम भी मारा गया।
5 लाख रूपए का इनामी बदमाश था अशद
इस मामले को लेकर यूपी की विशेष अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित असद अहमद और गुलाम पांच लाख के इनामी बदमाश थे। दोनों की झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई है। मुठभेड़ में शामिल उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम का नेतृत्व पुलिस उपाध्यक्ष उपाधीक्षक नवीन कुमार और विमल कुमार सिंह ने किया।
उन्होंने बताया कि मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें ब्रिटिश बुलडॉग रिवाॅल्वर तथा वाल्थर पिस्तौल शामिल है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने कार्यवाई में शामिल एसटीएफ और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को बधाई दी है।
अखिलेश यादव और मायावती ने उठाया सवाल
वही इस एनकाउंटर पर सवाल करते खड़े करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि, झूठे मुठभेड़ करके बीजेपी सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटका चाह रही है। मुठभेड़ की गहन जांच-पड़ताल हो और दोषियों को नहीं छोड़ा जाए। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि अतीक के बेटे व एक अन्य की पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चाएं गर्म है। लोगों को लगता है कि विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई। इसकी उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।