Bengal Aprajita Bill: बंगाल में जूनियर डॉक्टर धरने पर हैं और आंदोलनों का सिलसिला पिछले 9 अगस्त के बाद से थमा नहीं है… विपक्षी दल BJP भी सड़क से विधानसभा तक विरोध कर रही है… बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री समेत गैर राजनीतिक संगठनों ने भी विरोध-प्रदर्शन कर गुस्सा जाहिर किया है… न्याय के लिए नारे और गाने गढ़े जा रहे है… मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 13 साल के कार्यकाल में यह पहली घटना है… जब न्याय की मांग को लेकर पूरे बंगाल में तूफान उठा है… और इसकी काट के लिए मुख्यमंत्री ने बड़ा दांव चल दिया.. विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एंटी रेप बिल पास किया… बिल पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये ऐतिहासिक बिल है…
जानिए इस बिल में क्या है खास
अपराजिता बिल महिला उत्पीड़न और बलात्कार जैसे मामलों में सख्त सजा सुनिश्चित करेगा… इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा… जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगी… स्वास्थ्य सचिव को यात्रा के दौरान नर्स और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं… इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं… हर जगह CCTV कैमरे लगाए जाएंगे… जहां टॉयलेट नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी… इसके अलावा ‘रात्रि साथी’ का भी प्रावधान किया है… जिसमें तय किया गया है कि महिलाएं 12 घंटे ड्यूटी करेंगी…
बीजेपी ने किया समर्थन
सीएम ममता बनर्जी के शासन काल में ये पहला बिल है… जिसपर बीजेपी और टीएमसी दोनों साथ साथ दिखे.. बीजेपी ने बिल का खुलकर समर्थन किया… बिल पर चर्चा के दौरान बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बिल को तुरंत लागू कराना सरकार की जिम्मेदारी है…नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, हम इस कानून का तत्काल क्रियान्वयन चाहते हैं… यह आपकी जिम्मेदारी है… हम परिणाम चाहते हैं… यह सरकार की जिम्मेदारी है… हम कोई विभाजन नहीं चाहते… हम आपका पूरा समर्थन करते हैं… हम मुख्यमंत्री का वक्तव्य आराम से सुनेंगे… वह जो चाहें कह सकती हैं… लेकिन आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू हो…