Bharat Ratna to Karpoori Thakur: बिहार के पूर्व सीएम और महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति कार्यालय की और से यह घोषणा दिवंगत ठाकुर की 100वीं जयंती की पूर्व संध्या पर किया गया।कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा से देश के समाजवादी नेताओं में उत्साह का माहौल है। वहीं पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को समाजिक न्याय का प्रतिक बताया है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में हम बताएंगे की कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के ऐलान के बाद किसने क्या कहा।
पीएम मोदी ने लिखा आर्टिकल
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा के बाद पीएम मोदी ने आज एक लेख लिखा है। उसमें उन्होंने लिखा है कि, “मुझे कर्पूरी जी से कभी मिलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले कैलाशपति मिश्र जी से मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सुना है। सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी बाबू ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। उनका संबंध नाई समाज, यानि समाज के अति पिछड़े वर्ग से था। अनेक चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने कई उपलब्धियों को हासिल किया और जीवनभर समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे।जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का पूरा जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा। वे अपनी अंतिम सांस तक सरल जीवनशैली और विनम्र स्वभाव के चलते आम लोगों से गहराई से जुड़े रहे। उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जो उनकी सादगी की मिसाल हैं।”
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
‘वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है। केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है। स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। हम हमेशा से ही स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं। वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है। इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद।’
अमित शाह ने उनके कार्यों को याद किया
‘राजनीति में सादगी और सदाचार के उत्कृष्ट मानदंड स्थापित करने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्मशताब्दी पर नमन। आजीवन वंचितों व महिलाओं की शिक्षा व अधिकारों के लिए समर्पित रहने वाले कर्पूरी जी के संघर्षों और समाजसेवा के दृढ़-संकल्प की गाथाएँ आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय लेकर उनके त्याग और संघर्ष को सम्मान दिया है।’
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
‘जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल ‘सामाजिक न्याय’ के आंदोलन की जीत है, जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है। PDA की एकता फलीभूत हो रही है।समाजवाद के सिद्धांत को व्यवहार में लानेवाले और सामाजिक न्याय व आरक्षण को सच में शोषितों, वंचितों, पीड़ितों, गरीबों व महिलाओं के लिए ढाल बनानेवाले भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके जीवन संघर्ष की यात्रा के बारे में हर किसी को जानना चाहिए और पीडीए के आंदोलन के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह मानकर लगातार आगे बढ़ना चाहिए।’
मायावती ने क्या कहा?
‘बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे देश के ऐसे महान व्यक्तित्व श्री कर्पूरी ठाकुर जी को देर से ही सही अब भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत। देश के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए उनके परिवार व सभी अनुयाइयों आदि को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’
लालू यादव क्या बोले?
‘मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था। हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज़ उठायी लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा #बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया। डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा।’
तेजस्वी यादव ने क्या कहा
‘बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के पैरोकार, महान समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की हमारी दशकों पुरानी मांग पूरी होने पर अपार खुशी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को साधुवाद। ‘
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, ‘सामाजिक न्याय के पुरोधा, जननायक स्व० कर्पूरी ठाकुर जी ने सामाजिक न्याय के लिए न सिर्फ़ निरंतर संघर्ष किया बल्कि इस दिशा में निर्णायक भूमिका भी निभाई। उनकी जन्म शताब्दी के अवसर पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उनका मानना था कि सामाजिक न्याय के बिना देश में विकास अधूरा है इसलिए वो जातिगत जनगणना के पक्षधर थे जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है। कांग्रेस पार्टी, न्याय के पाँच स्तंभों को लेकर देश में आगे बढ़ रही है। उसमें से एक, ‘भागीदारी न्याय’, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।वे संप्रदायिकता एवं संकीर्ण मानसिकता के धुर विरोधी थे। उनको मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का हम स्वागत करते हैं। इससे समानता एवं सद्भाव जैसे भावों को ताक़त मिलेगी।’