Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव परिणाम में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतों को अमान्य करने के लिए निशान लगाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। वहीं कोर्ट के फैसला आते ही आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल शुरू हो गया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
SC ने आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया। कोर्ट ने कहा, निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह ने जिन आठ मतपत्रों पर निशान बनाये थे, वो वैध वोट थे। ये आठ वोट असल में आप उम्मीदवार के पक्ष में डाले गए थे। अनिल मसीह ने जानबूझकर कर उन पर हस्ताक्षर के लिए अलावा निशान बनाये थे ताकि आप उम्मीदवार को हराया जा सके।कोर्ट ने कहा कि मत पत्र में कोई गड़बड़ी नहीं है। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा कि बताइए बैलेट पेपर में गड़बड़ी कहां थी। कोर्ट ने कहा कि 8 अवैध बैलेट को वैध मानकर हम काउंटिंग का आदेश देंगे।
क्या है पूरा मामला?
30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी और उसी दिन गिनती हुई। बीजेपी के 13 पार्षद और एक अकाली दल के पार्षद के आलावा एक वोट चंडीगढ़ मेयर का था जिस वजह से बीजेपी को 16 वोट मिले। और आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षद ने आप उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की। वोटों के गिनती के समय पीठासीन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में आए 8 वोटों को अवैध करार दिया। जिससे आम आदमी पार्टी उम्मीदवार को सिर्फ 12 वोट वैध रह गए। जिस वजह से बीजेपी उम्मीदवार को जीत दे दी गई।हालंकि कुछ देर बाद ही एक वीडियो सामने आया जिसमें देखा गया कि पीठासीन अधिकारी ने पेन से वैलेट पेपर पर क्रॉस लगा रहे थे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया। जिसके बाद कोर्ट ने मामले से जुड़े वीडियो को देखने के बाद ये फैसला सुनाया और दोषी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा।