उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में राजनीतिक हलचल काफी ज्यादा तेज हो गई है. बीजेपी हो सप हो या बसपा हर पार्टी के दिग्गज नेता अब जनता के बीच जा जा कर वोटों की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही देशभर में कोरोना का कहर भी जारी है पूरे देश में आए दिन 2 लाख के आसपास कोरोना के मामले आ रहे हैं जिसके चलते चुनाव आयोग ने रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी है.
लेकिन प्रदेश का किला फतेह करने के लिए सभी पार्टीयां कुछ न कुछ तरीका निकाल कर जनता के बीच जाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी को दोबारा से सत्ता में लाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे थे. और लोगों से अपील कर रहे थे कि एक बार फिर से भाजपा को प्रदेश में जीत दिलाएं लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते अमित शाह ने डोर-टू-डोर कैंपेन पर रोक लगा दी गई है.
इतना ही गृहमंत्री का डोर-टू-डोर कैंपेन करीब 25 मिनट था. लेकिन ज्यादा भीड़ होने के चलते कैंपेन को 5 मिनट में ही बंद कर दिया गया. आपको बता दें कि प्रचार के दौरान भीड़ बढ़ने की वजह से कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा था. जिसके चलते सारे कार्यक्रम में रोक लगा दी गई. हालही में गृहमंत्री अमित शाह ने कैराना में घर-घर जाकर चुनाव का प्रचार-प्रसार किया था.
कैराना के बाद अमित शाह शनिवार को देवबंद में चुनाव के प्रचार के लिए गए थे. तो वहीं यूपी के कैराना में कैंपेन को लेकर विपक्षीय दलों के साथ-साथ आम लोगों की भी सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रया सामने आई थी. जब अमित शाह घर-घर जाकर पर्चे बांट रहे तब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी कोरोना बांट रही है. अखिलेश यादव के साथ-साथ लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी तीखी प्रतिक्रया की.